यहा शब्द "देखो" हमें कहानी का एक नया औरआश्चर्य हिस्सा ध्यान देने के लिए सुचित करता है।
४०० आदमी।
इसका मतलब यह नहीं है कि याकूब ने बच्चों को समान रूप से अलग किया ताकि हर महिला के पास उसके साथ समान मात्रा में बच्चे थे। याकूब ने बच्चों को इस तरह अलग किया ताकि हर कोई अपनी माँ के साथ चला जाए।
यह शब्द बिल्हा और जिल्पा।
यहा "खुद” इस बात पर जोर देता है कि याकूब दूसरों के सामने अकेला चला गया
यहा “प्रणाम“ शब्द का अर्थ है किसी के सामने सम्मान के साथ झुक कर प्रणाम करना।
“याकूब से मिला”।
यह एक नया वाक्य के रूप में अनुवाद किया जा सकता है कि "एसाव याकूब के चारों ओर अपने हाथ डाल दिए, उसे गले लगाया, और उसे चूमा"।
तब एसाव और याकूब रोए क्योंकि वह खुश थे और फिर से एक दूसरे को देखना चाहते थे।
"उसने महिलाओं और बच्चों को जो याकूब के साथ थे उन्हे देखा“।
यह शब्द याकूब खुद को दर्शाता है ये बच्चे परमेश्वर ने अपना नौकर समझ कर अपनी कृपया से मुझे दिये है।
यह बिल्हा और जिल्पा को दर्शाते है।
यह किसी अन्य व्यक्ति के सामने विनम्रता और सम्मान की निशानी है।
यह वाक्यांश "इन सभी समूहों" नौकरों के समूहों को दर्शाता है कि याकूब ने एसाव को उपहार देने के लिए भेजा। जैसे कि “तुमने मुझे मिलने के लिए उन सभी अलग- अलग समूहों को कयों भेजा“।
यहा “देखना” शब्द किसी व्यकित के विचारो को खडा करता है। तो तुम, मेरे गुरु हो मै तुम्हारे साथ खुश हूँ।
यहाँ यह वाक्यांश "मेरे स्वामी" एसाव की बात को दर्शाने का एक विनम्र तरीका है।
यहा शब्द “पशु” और "संपत्ति" समझा गया है। कि “मेरे पास पर्याप्त (संपत्ति) जानवर है”।
"यदि तू मेरे साथ खुश हैं“।
यहाँ "हाथ“ याकूब को दर्शाते है कि "यह उपहार है कि मैं तुम्हें दे रहा हूँ।
लेखक यहाँ एक नये वाक्य के रूप में अनुवाद कर सकता है कि "मेरे हाथ हमेशा तुम्हारे लिए है“।
(1) याकूब खुश है कि एसाव ने उसे माफ कर दिया है जैसे परमेश्वर ने उसे माफ कर दिया है।
यहाँ दर्शन एसाव को देखना दर्शाता है।
“मेरे सेवको कों आप के लिय लाया।
“परमेश्वर ने मुझे बहुत आशीर्वाद दिया है"
यह पहले एक उपहार से इनकार करने के लिए प्रथागत था, लेकिन फिर परमेश्वर नाराज था इसलिये पहले उपहार स्वीकार नहीं किया।
यह एसाव का जिक्र करने का एक विनम्र तरीका है। कि “मेरे स्वामी ,तुम जानते हो”।
बच्चे बहुत छोटे हैं वो तेजी से यात्रा नहीं कर सकते।
"यदि हम उन्हें एक दिन के लिए भी तेजी से जाने के लिए मजबूर करते हैं"
यह याकूब का विनम्र और तरीका है। कि"हे प्रभु, मैं तुम्हारा नौकर हूँ कृपया मुझे आगे बढ़ाओ"
मैं जानवरो को देख रहा हूँ कि बाद मे वह तेजी से जा सकते है।
यह एदोम के क्षेत्र में एक पहाड़ी क्षेत्र है।
याकूब इस बात पर ज़ोर देने के लिए एक सवाल का इस्तेमाल करता है कि एसाव को आदमियों को छोड़ने की ज़रूरत नहीं है।
हे मेरे स्वामी, यह एसाम से बात करने का विनम्र तरीका है।
लेखक बताता है कि सुक्कोत नाम का अर्थ है “शरणस्थान”।
यह निहित है कि घर भी अपने परिवार के लिए है।
बाद में जानवरों की देखभाल के लिये।
यहाँ कहानी का एक नया हिस्सा शुरू होता है. लेखक बताता है कि याकूब ने सुक्कोत में आराम करने के बाद क्या किया।
“याकुब के जाने के बाद पद्दनराम छोड दिया।
यह केवल याकूब का उल्लेख है क्योंकि वह परिवार का हाकिम है। यह सही है कि उसका परिवार उसके साथ था।
“यह नगर के पास तम्बू खडा करने लगे।
भूमि का टुकड़ा।
यह एक आदमी का नाम है।
शेकेम एक शहर का नाम और एक आदमी का नाम है।
“100"।
एल-एलोहे-इस्राएल का मतलब है कि परमेश्वर इस्राएल के परमेश्वर है।