उत्पत्ति 18 कहता है कि सदोम में दो पूरूष गये, यहाँ हमें पता चलता है कि वो वास्तव में स्वर्गदूत थे। (18:22 देखें)
नगर के चारों ओर दिवार होती थी और यह नगर में प्रवेश करने का फाटक था। यह किसी नगर का महत्वपूर्ण स्थान था। वहाँ महत्वपूर्ण लोग अपना समय बिताते थे। “सदोम का प्रवेश द्वार”
उसने अपने घुटने ज़मीन पर टिका कर अपने माथे और नाक को जमीन पर लगाया
लूत ने स्वर्गदूतों को आदर देने के लिए ऐसा कहा
कृप्या आकर अपने दास के घर ठहिरें
लूत ने स्वर्गदूतों को आदर देने के लिए ऐसा कहा
लोग यात्रा के बाद अपने पाँव धोना पसन्द करते थे।
सुबह जल्दी उठ जाना
उन दोनों ने चौक में ही रात बिताने की योजना बना रखी थी। यहाँ हम का अर्थ दोनों दूतों से है
यह शहर का सार्वजनिक बाहरी स्थान था
वे मुड़े और उसके साथ गये।
इस से पहले कि लूत के घर में मौजूद लोग सोने के लिए लेटते
सदोस के निवासी पुरूष
लूत के घर
इसका अर्थ है हर आयु के लोग
जो आज तुम्हारे घर गये थे
ताकि हम उनके साथ संभोग करें
बाहर निकलने के बाद
हे मेरे भाइयों मैं तुम से विनती करता हूँ
लूत ने शहर के लोगों से मित्रतापूर्ण बात की ताकि वो उसकी विनती को समझ सकें। “मेरे दोसतो”
ऐसी दुष्टता का काम मत करो
“ध्यान दो“ या “इधर देखो“
अब तक किसी से संभोग नहीं किया
“जो तुम्हारी इच्छा हो“ या जो कुछ तुम लोगों को सही लगे
वो मेरे घर आए हैं और परमेश्वर चाहता है कि मैं उनकी रक्षा करूँ
“पीछे हट जा“ या “रास्ते से पीछे हट जा“
यह परदेशी यहाँ रहने आया था
“लूत” ये बातें वो लोग कर रहे थे
अब यह आदमी समझता है कि इसे हमें ये बताने का हक है कि क्या सही है और क्या ग़लत।
इसके पास ऐसा करने का कोई कारण नहीं है
हम तुम्हारे साथ इन पुरूषों से भी अधिक दुष्टता करेंगे।
संभव मतलब 1) “वो पास आते गये जब वो इतना नजदीक आ गये कि वो दरवाजा तोड़ सकते थे या 2) उन्होंने लूत को दिवार या दरवाजे तक धकेला और वो दरवाजा तोड़ने वाले थे
यह दो तरीकों से लूत को कहा गया है।
तब उन दो स्वर्गदूतों ने
उन्होने दरवाजे को इतना खोल दिया कि वो हाथ बाहर निकाल कर लूत को अन्दर खींच सकते थे, उसे खीणचने के बाद फिर उन्होने दरवाजा बन्द कर दिया
लूत के महिमानों ने पुरूषों को अंधा कर दिया
हर उमर के लोगों को
फिर उन दो स्वर्गदूतों ने कहा
क्या शहर में तेरे परिवार के कोई और लोग हैं
क्या शहर में तेरे परिवार के कोई और लोग हैं
यहाँ हम शब्द का अर्थ दोनों स्वर्गदूतों से है
बहुत से लोग यहोवा से इन लोगों के पापों के बारे में पुकार रहे हैं।
लूत घर से बाहर आया
वो पुरूष जो उसकी बेटीयों से शादी करने वाले थे, या “उसकी बेटीयों के मंगेतर”
सूर्य उदय होने से कुछ समय पहले
अब जाओ
ताकि यहोवा इन लोगों के साथ तुमे भी नष्ट न कर दे।
परमेश्वर का वहाँ के लोगों को सजा देना ऐसे बताया गया है जैसे कोई झाड़ू से सफाई करता है।
यहाँ नगर का अर्थ लोग हैं।
“लेकिन लूत हिचकिचा रहा था” या वह अभी तक नहीं निकला था।
इसलिए स्वर्गदूतों ने उनके हाथ पकड़े
यहोवा को दयालू बताया गया है क्योंकि उसने लूत और उसके परिवार को नाश होने से बचा लिया था।
जब उन दो पुरूषों ने लूत के परिवार को बाहर कर दिया
भाग कर अपने जीवन बचा लो
“पीछे शहर की तरफ मत देखना” या “पीछे सदोम की तरफ मत देखना“
यह यरदन नदी के आम इलाके की बात है अर्थात यरदन नदी की तराई
नहीं तो परमेश्वर तुझे भी शहर के लोगों के साथ नाश कर देगा
परमेश्वर का वहाँ के लोगों को सजा देना ऐसे बताया गया है जैसे कोई झाड़ू से सफाई करता है।
तुम मेरे साथ प्रसन्न हुए हो
मैंने, आपके दास ने
आप ने मेरी जान बचा कर बहुत दयालता दिखाई है।
जब परमेश्वर सदोम का नाश करेगा तो मैं और मेरा परिवार भी मर जाएँगे, क्योंकि पहाड़ हम से बहुत दूर हैं कि हम वहाँ तक सुरक्षित पहुँच सकें।
हमारे प्राण…पर हम पहाड़ पर भाग नहीं सकते…कोई विपत्ति हम पर आ पड़े, और हम मर जाएँ
मुझे वहीं भाग जाने दे, आप देख सकते हैं कि वो छोटा नगर है, तो यदि आप मुझे वहाँ जाने दें तो मेरी जान बच सकती है।
उस नगर का नाश करने के बजाय, मुझे वहाँ भाग जाने दो।
ताकि हम जीवित रह सकें
जो तूने माँगा है मैं वो करूँगा
बाकी के नगरों को नाश नहीं कर सकता
इब्रानी शब्द सोअर का अर्थ है “छोटा”। लूत ने उत्पत्ति 19:20 में इसे छोटा नगर कहा
जब सूरज धरती पर चमकने लगा
जब लूत और उसका परिवार सोअर पहुँचे।
यहोवा ने सदोम और गमोरा पर गन्धक और आग बरसाई
“जलती हुई गन्धक“ या आग की बारिश
यह सदोम और गमोरा के विषय में है
उन नगरों में रहने वाले लोगों पर
“उसका शरीर नमक के लंबे पत्थर के समान बन गया“ या “वो नमक की मूर्ती के समान बन गई।“ क्योंकि उसने स्वर्गदूत की आज्ञा का पालण नहीं किया जिसने उसे कहा था कि पीछे मुड़कर मत देखना। इस लिए परमेश्वर ने उसे नमकीन चट्टान की मूर्ती जैसा बना दिया।
यह शब्द विचित्र जानकारी की ओर ध्यान खींचता है।
ऐसा धुआँ जो बहुत बड़ी आग से निकलता है।
पद 29 इस अध्याय का सारांश है
परमेश्वर ने अब्राहम के बारे में सोचा ओर उस पर दया की
लूत को खतरे से दूर किया
लूत उपर पहाड़ पर चला गया
लूत की बड़ी बेटी
“छोटी बेटी“ या “उसकी छोटी बहन”
यहाँ संसार काअर्थ है लोग। “जैसे लोग हर जगह करते हैं”
तब तक दाखमधु मिलाना जब तक वो मतवाला न हो जाए
ताकि हम अपने पिता का वंश आगे बढ़ाने के लिए बच्चे पैदा करें।
उसे इस बात का पता नहीं चला कि वो उसके साथ सोई
तब तक दाखमधु मिलाना जब तक वो मतवाला न हो जाए
तब तक दाखमधु मिलाना जब तक वो मतवाला न हो जाए
ताकि हम बच्चों को पैदा करें जो हमारे पिता के वंशज होंगे।
उसे इस बात का पता नहीं चला कि वो उसके साथ सोई
अपने पिता से गर्भ धारन किया
वह है
मोआब के लोग जो अब भी जीवित हैं
यहाँ “आज तक“ का अर्थ उस समय से है जब उत्पत्ति का लेखक जीवित था। लेखक ने इस किताब को लूत और उसके परिवार के मर जाने के काफी समय बाद लिखा था।
यह एक पुरूष का नाम है
अम्मोन के लोग