अपने देश और अपने परिवार को छोड़कर चला जा।
यहाँ पे “तुझ‘ शब्द अब्राम को दर्शा रहा है और अब्राम अपनी पुरे वंश को दर्शा रहा है और परमेश्वर अब्राम और उसके वंश के द्वारा एक बड़ी जाति उत्पन्न करने की बात कर रहा है।
यहाँ पर परमेश्वर अब्राम को प्रसिद्ध करने को बोल रहे है।
इस वाक्य का यह अर्थ है कि अब्राम दुसरे लोगो के लिए आशीष का कारण होगा।
जो कोई तुझसे शर्मनाक बरताव करेगा मै उसे श्राप दुंगा और जो कोई तूझे निक्कमा समझे मै उसे भी श्राप दुंगा।
मै धरती के सारे परिवारों को तेरे द्वारा बरकत दुगा।
तेरे ही कारण।
इस में हर तरह के जानवर और निर्जिवी [ अजिवित] चीज़ें शामिल है।
इस के दो मतलब हो सकते है। 1: वह दास जो उन्होने इकट्ठा किए थे। या 2: वह लोग जो उन्होने अपने साथ रहने के लिए इकट्ठा किए थे।
यहाँ पर केवल अब्राम के नाम का ही ज़िक्र किया गया है क्योंकि वह अपने परिवार का मुखिया था और परमेश्वर ने उसे आदेश दिया था कि वह अपने परिवार को वहाँ लेकर जाए। अत: तो अब्राम और उसका परीवार उस देश के बीच में से हो के चला।
कनान का देश।
मोरे शायद एक जगह का नाम था।
क्योंकि यहोवा ने उसे दर्शन दिया था।
अब्राम जब यात्रा करता था तो उसके साथ काफी लोग हुआ करते थे और जब वह एक जगह से दुसरी जगह सफर करते थे तो वह तम्बू खड़े करके उन्ही में रहा करते थे।
यहोवा के नाम में प्रार्थना की और उसकी आराधना की।
और फिर अब्राम ने अपने तम्बू उढाए और अपनी यात्रा जारी रखी।
दक्षिण या दक्षिण से रेगिस्तान की ओर।
उस मौसम वहाँ की फसलें अच्छी तरह से नहीं उग रही थी जिसके कारण वहाँ पे आकाल पड़ गया। अत: वहाँ पे खाने की कमी हो गई।
उस जगह मे जा उस स्थान मे जहा अब्राम रहता था।
इस वाक्य का यह अर्थ है कि अब्राम कनान देश से होता हुआ पूर्व की ओर चला।
यॅंहा पे अब्राम मिस्री लोगो कि बात कर रहा है कि वे उसे तो मार डालेगे पर उसकी पत्नि सारे को जिन्दा रखेगे और उससे शादी कर लेंगे क्योकि वह सुन्दर थी।
कि तेरे कारण वे मुझे ना मारे।
तब ऐसा हुआ।
राजा फि़रौन के हाकिमों ने सारै को देखा।
इसका अर्थ यह है कि फि़रौन खुद या उसके सिपाही सारै को उसके महल मे लेकर आए।
सारै
इस वाक्य का यह अर्थ है “फि़रौन का परिवार,” उसकी पत्नी, “फि़रौन का घर,” और उसकी जगह।
सारै के कारण।
क्योंकि फ़िरौन का इरादा अब्राम की पत्नी को अपनी पत्नी बनाने का था।
फ़िरौन ने अब्राम को बुलाया, या फ़िरौन ने अब्राम को आज्ञा कि वह उसके पास आए।
फि़रौन ने अब्राम से गुस्से से कहा कि तुने मेरे साथ यह भयानक काम क्यों किया।
फिर फिरौन ने अब्राम के बारे में अपने अधिकारियों को निर्देश दिया।
फिर फ़िरोन के अधिकारियों ने अब्राम उसकी पत्नी और उसके सारे समान समेत उसे वॅंहा से दुर भेज दिया।