अध्याय ४

1 अन्तमे भैयाओ, प्रभु येशूमे हम तुमके आग्रहपुर्वक बिन्ती करतहँए और अर्ती देतहँए, कि तुम कैसे जिनो और परमेश्‍वरके खुशी बनान पणत् हए करके तुमसे सिखौ और उइसी करत फिर हौ, बामे तुम और जद्धा बढत् जाओ । 2 काहेकी तुमके पता हए हम प्रभु येशूसे कौन-कौन आदेश तुमके दओ । 3 काहेकी परमेश्‍वरको इच्छा जो तुमके पवित्रकण फिर हए, सो जा हए कि तुम व्यभिचारसे अलग बेठौ । 4 पवित्रता और सम्मानसाथ अपन ताहिँ बैयर लिओ, सो तुम हरेक जानओ, 5 पर परमेश्‍वरके ना चिन्नबारो अविश्‍वासी जैसे खराब अभिलासामे मत बैठीओ 6 जा बारेमे कोइ अपराध करके अपन भैयाके खराबी मतकरीओ, काहेकी अइसो सब बातमे बदला लेनबारो प्रभु हए । 7 काहेकी परमेश्‍वर हमके अशुध्दके ताहिँ ना हए, पर पवित्रतामे बुलाई हए । 8 जहेमारे जौन जा बातके बिराेध करेहए बा आदमीको ना पर परमेश्‍वरको बिराेध करतहए, जौन परमेश्‍वर तुमके अपन पवित्र आत्मा देतहए। 9 पर भैयाघेनको प्रेमके बारेमे कोइके तुमके लिखनके जरुरि ना हए, काहेकी एक दुसरे प्रेम करयँ करके तुम अपनए फिर परमेश्‍वरसे शिक्षा पाए हौ। 10 माकेडोनिया भर सब भैयनके तुम नेहत्य प्रेम करत हौ। पर भैया औ, और जद्धा उइसी करत जाओ करके हम तुमके अर्ती-उपदेश देतहँए । 11 हम तुमके आज्ञा देत कता, तुम शान्त रहनके, अपन धन्धाको फिक्री करन और अपने हातसे काम करन कोसिस कारओ, 12 ताकि बाहिर भए आदमीनसे आदर पान सिकौ, और कोइके भरमे मत पणओ । 13 पर भैया औ, सोनबारेनके बारेमे तुम अन्जान बैठओ करके हम इच्छा ना करत हँए, और तुम आशा ना होनबारे आदमी जैसो शोक करन ना पणए । 14 काहेकी हम विश्‍वास करतहँए, कि येशू मरो और फिर जि उठो और उइसी परमेश्‍वर बामे सोनबारेनके येशूसे लाबैगो । 15 प्रभुको वचनसे हम तुमके घोषणा करत हँए, कि हम जो जीवित हँए और प्रभुके आन तक बचिरहत हँए, सोनबारेनसे कोइ किसिमसे फिर अग्गु नाय बढ्गेँ । 16 काहेकी प्रभु स्वयम हुकुमको गर्जनसंग, प्रधान स्वर्गदूतको आवाज और परमेश्‍वरको तुरहीको सोरसंग स्वर्गसे उत्रैगो, और ख्रीष्टमे मरेभए त पहिले जि उठंगे । 17 तव हम बाँचेभए और छुटेभए प्रभुके आकाशमे भेटन बिनके संगसंग बादरमे उठाए लएजए हँए, और अइसी हम सदा प्रभुसंग रहंगे । 18 जहेमारे एक दुसरेके जे वचनसे सान्ति देओ ।