Genesis 33

Genesis 33:1

यह देखा

यहा शब्द "देखो" हमें कहानी का एक नया औरआश्चर्य हिस्सा ध्यान देने के लिए सुचित करता है।

चार सौ पुरुष

४०० आदमी।

तब उसने बच्चों को अलग-अलग.…दोनों दासियों

इसका मतलब यह नहीं है कि याकूब ने बच्चों को समान रूप से अलग किया ताकि हर महिला के पास उसके साथ समान मात्रा में बच्चे थे। याकूब ने बच्चों को इस तरह अलग किया ताकि हर कोई अपनी माँ के साथ चला जाए।

दोनों दासियों

यह शब्द बिल्‍हा और जिल्पा।

और आप उन सबके आगे बढ़ा

यहा "खुद” इस बात पर जोर देता है कि याकूब दूसरों के सामने अकेला चला गया

भूमि पर गिरकर प्रणाम किया

यहा “प्रणाम“ शब्द का अर्थ है किसी के सामने सम्मान के साथ झुक कर प्रणाम करना।

Genesis 33:4

उससे मिला

“याकूब से मिला”।

और उसको हृदय से लगाकर, गले से लिपटकर चूमा;

यह एक नया वाक्य के रूप में अनुवाद किया जा सकता है कि "एसाव याकूब के चारों ओर अपने हाथ डाल दिए, उसे गले लगाया, और उसे चूमा"।

फिर वे दोनों रो पड़े

तब एसाव और याकूब रोए क्योंकि वह खुश थे और फिर से एक दूसरे को देखना चाहते थे।

उसने आँखें उठाकर स्त्रियों और बच्चों को देखा;

"उसने महिलाओं और बच्चों को जो याकूब के साथ थे उन्हे देखा“।

उसने कहा, “ये तेरे दास के लड़के हैं, जिन्हें परमेश्‍वर ने अनुग्रह करके मुझ को दिया है

यह शब्द याकूब खुद को दर्शाता है ये बच्चे परमेश्‍वर ने अपना नौकर समझ कर अपनी कृपया से मुझे दिये है।

Genesis 33:6

दासियों

यह बिल्हा और जिल्पा को दर्शाते है।

झुका हुआ

यह किसी अन्य व्यक्ति के सामने विनम्रता और सम्मान की निशानी है।

तेरा यह बड़ा दल जो मुझ को मिला, उसका क्या प्रयोजन है?”

यह वाक्यांश "इन सभी समूहों" नौकरों के समूहों को दर्शाता है कि याकूब ने एसाव को उपहार देने के लिए भेजा। जैसे कि “तुमने मुझे मिलने के लिए उन सभी अलग- अलग समूहों को कयों भेजा“।

“यह कि मेरे प्रभु की अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो

यहा “देखना” शब्द किसी व्यकित के विचारो को खडा करता है। तो तुम, मेरे गुरु हो मै तुम्हारे साथ खुश हूँ।

मेरे गुरु

यहाँ यह वाक्यांश "मेरे स्वामी" एसाव की बात को दर्शाने का एक विनम्र तरीका है।

Genesis 33:9

वह तेरा ही रहे

यहा शब्द “पशु” और "संपत्ति" समझा गया है। कि “मेरे पास पर्याप्त (संपत्ति) जानवर है”।

यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो

"यदि तू मेरे साथ खुश हैं“।

तो मेरी भेंट ग्रहण कर

यहाँ "हाथ“ याकूब को दर्शाते है कि "यह उपहार है कि मैं तुम्हें दे रहा हूँ।

मेरा हाथ आवश्यकता के लिए

लेखक यहाँ एक नये वाक्य के रूप में अनुवाद कर सकता है कि "मेरे हाथ हमेशा तुम्हारे लिए है“।

क्योंकि मैंने तेरा दर्शन पाकर, मानो परमेश्‍वर का दर्शन पाया

(1) याकूब खुश है कि एसाव ने उसे माफ कर दिया है जैसे परमेश्‍वर ने उसे माफ कर दिया है।

मैंने तेरा दर्शन पाकर

यहाँ दर्शन एसाव को देखना दर्शाता है।

जो तुझे भेजी गई है, ग्रहण कर

“मेरे सेवको कों आप के लिय लाया।

क्योंकि परमेश्‍वर ने मुझ पर अनुग्रह किया है

“परमेश्‍वर ने मुझे बहुत आशीर्वाद दिया है"

जब उसने उससे बहुत आग्रह किया, तब उसने भेंट को ग्रहण किया।

यह पहले एक उपहार से इनकार करने के लिए प्रथागत था, लेकिन फिर परमेश्‍वर नाराज था इसलिये पहले उपहार स्वीकार नहीं किया।

Genesis 33:12

हे मेरे प्रभु, तू जानता ही है

यह एसाव का जिक्र करने का एक विनम्र तरीका है। कि “मेरे स्वामी ,तुम जानते हो”।

मेरे साथ सुकुमार लड़के,

बच्चे बहुत छोटे हैं वो तेजी से यात्रा नहीं कर सकते।

यदि ऐसे पशु एक दिन भी अधिक हाँके जाएँ,

"यदि हम उन्हें एक दिन के लिए भी तेजी से जाने के लिए मजबूर करते हैं"

इसलिए मेरा प्रभु अपने दास के आगे बढ़ जाए,

यह याकूब का विनम्र और तरीका है। कि"हे प्रभु, मैं तुम्हारा नौकर हूँ कृपया मुझे आगे बढ़ाओ"

इन पशुओं की गति के अनुसार, जो मेरे आगे है,

मैं जानवरो को देख रहा हूँ कि बाद मे वह तेजी से जा सकते है।

सेईर

यह एदोम के क्षेत्र में एक पहाड़ी क्षेत्र है।

Genesis 33:15

ऐसा क्यों करते हैं?

याकूब इस बात पर ज़ोर देने के लिए एक सवाल का इस्तेमाल करता है कि एसाव को आदमियों को छोड़ने की ज़रूरत नहीं है।

मेरे प्रभु के

हे मेरे स्वामी, यह एसाम से बात करने का विनम्र तरीका है।

सुक्कोत

लेखक बताता है कि सुक्कोत नाम का अर्थ है “शरणस्थान”।

वहाँ अपने लिये एक घर

यह निहित है कि घर भी अपने परिवार के लिए है।

पशुओं के लिये

बाद में जानवरों की देखभाल के लिये।

Genesis 33:18

सामान्य जानकारी

यहाँ कहानी का एक नया हिस्सा शुरू होता है. लेखक बताता है कि याकूब ने सुक्कोत में आराम करने के बाद क्या किया।

और याकूब जो पद्दनराम से आया था

“याकुब के जाने के बाद पद्दनराम छोड दिया।

और याकूब …नगर के पास … डेरे खड़े किए

यह केवल याकूब का उल्लेख है क्योंकि वह परिवार का हाकिम है। यह सही है कि उसका परिवार उसके साथ था।

भुमि के पास अपना तम्बू खड़ा किया

“यह नगर के पास तम्बू खडा करने लगे।

भूमि का टुकड़ा

भूमि का टुकड़ा।

हमोर

यह एक आदमी का नाम है।

शेकेम के पिता

शेकेम एक शहर का नाम और एक आदमी का नाम है।

एक सौ

“100"।

एल-एलोहे-इस्राएल

एल-एलोहे-इस्राएल का मतलब है कि परमेश्‍वर इस्राएल के परमेश्‍वर है।