यहाँ यीशु के अभियोग और मृत्यु का वृत्तान्त आरंभ होता है।
लेखक ने यीशु को बन्दी बनाए जाने की कहानी में अन्तराल रखा कि यहूदा द्वारा आत्म हत्या का उल्लेख करे।(27:3- ).
यदि आपकी भाषा में कहानी के अन्तराल में किसी वृत्तान्त के आने को व्यक्त करने का प्रावधान है तो उसका यहाँ उपयोग करें।
यीशु के साथ विश्वासघात करने की कीमत जो उसे महायाजकों ने दी थी
"वह मनुष्य जो मृत्युदण्ड के योग्य नहीं"
यह यहूदा द्वारा आत्महत्या करने का वृत्तान्त है
उचित नहीं , "हमारी व्यवस्था इसे उचित नहीं ठहराती है"
इस चाँदी को रखना
मनुष्य को मरवाने की कीमत (देखें: और यू.डी.बी.)
यह खेत यरूशलेम में मरने वाले परदेशियों के दफन के लिए हुआ (देखें यू.डी.बी.)
लेखक द्वारा वृत्तान्त लिखने के समय तक
यह यहूदा द्वारा आत्महत्या करने का वृत्तान्त है
"भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह ने यह भविष्यद्वाणी की थी और वह सच हुई"।
इस्राएल के धर्मगुरू
"यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता को आज्ञा दी थी।"(27:9)
अब रोमी शासक के समक्ष यीशु के अभियोग का आरंभ होता है ।
यदि आपकी भाषा में कहानी अन्तराल के बाद पुनः आरंभ हो तो उसे व्यक्त करने के लिए आपकी भाषा में प्रावधान है तो उसका उपयोग यहाँ करें।
शासक - पिलातुस
"तू ही तो स्वीकार कर रहा है"
वैकल्पिक अनुवाद, "जब महायाजक और पुरनियों उसका दोषारोपण कर रहे थे"
"मुझे आश्चर्य हो रहा है कि तू इन लोगों को उत्तर नहीं दे रहा है जबकि ये तुझ पर बुरी-बुरी बातों का दोष लगा रहे हैं।"
एक बात का भी उत्तर नहीं दिया यहाँ तक कि शासक को बड़ा आश्चर्य हुआ । वैकल्पिक अनुवाद, "एक दोष का भी प्रतिवाद नहीं, इस पर प्रशासक चकित हुआ"।
रोमी शासक के समक्ष यीशु के अभियोग का ही वृत्तान्त चल रहा है।
यहाँ कहानी में अन्तराल है कि लेखक में आरंभ की दी गई जानकारी को समझने में पाठक की सहायता करे
जिस पर्व में फसह मनाया जाता था।
वैकल्पिक अनुवाद, "जिस बन्दी को जनसमूह चुनें"
कुख्यात
रोमी प्रशासक के समक्ष यीशु के अभियोग का ही वृत्तान्त चल रहा है।
यीशु को पिलातुस के समक्ष लाए कि वह उनका न्याय करे
"जब पिलातुस न्यायासन पर बैठा था"
अपने कर्तव्य का पालन करने के दायित्व से
"सन्देश भेजा"
रोमी प्रशासक के समक्ष यीशु के अभियोग का ही वृत्तान्त चल रहा है।
"जनसमूह से पूछा"
रोमी प्रशासक के समक्ष यीशु के अभियोग का ही वृत्तान्त चल रहा है।
<उसने क्या बुराई की है? - "यीशु ने क्या बुराई की है"
"जनसमूह ने चिल्लाकर कहा"
"मृत्यु"
रोमी प्रशासक के समक्ष यीशु के अभियोग का ही वृत्तान्त चल रहा है।
"हाँ, हम और हमारे वंशज उसकी हत्या के दोषी होने में प्रसन्न हैं"।
अब रोमी सैनिकों द्वारा यीशु का ठट्ठा करने का वृत्तान्त आरंभ होता है।
संभावित अर्थ है, (1) सैनिकों के रहने के स्थान में (यू.डी.बी.) या (2) प्रशासक के निवास में
"उसके वस्त्र खींच कर उतारे"
गहरा लाल रंग
"हम तेरा सम्मान करते हैं" या "दीर्घायु हो"
रोमी सैनिको द्वारा यीशु का ठट्ठा करना चल रहा है।
पिलातुस के सैनिक
यीशु
यहाँ यीशु के क्रूसीकरण का वृत्तान्त आरंभ होता है।
"जब वे यरूशलेम से बाहर निकले"
"उसे विवश किया कि वह उनके साथ यीशु का क्रूस उठा कर चले।"
"जिस स्थान को वहाँ के लोग गुलगुता कहते थे"।
पीले रंग का कडवा द्रव्य जो पाचन क्रिया में काम में आता है
यीशु के क्रुसीकरण का ही वृत्तान्त चल रहा है।
जो वस्त्र यीशु पहना हुआ था
यीशु का क्रूसीकरण और मृत्यु का वृत्तान्त चल रहा है।
वैकल्पिक अनुवाद: "सैनिकों ने दो डाकुओं को भी यीशु के साथ ही क्रूस पर चढाया"
यीशु का ठट्ठा करने के लिए
यीशु का क्रूसीकरण और मृत्यु का वृत्तान्त चल रहा है।
संभावित अर्थ, (1) यहूदी अगुवे विश्वास नहीं करते थे कि यीशु ने मनुष्यों को बचाया था (देखें: और यू.डी.बी.) या वह स्वयं को बचा सकता है, या (2) वे मानते थे कि उसने मनुष्यों को बचाया परन्तु वे उसका ठट्ठा कर रहे थे कि वह अपने आपको नहीं बचा सकता था।
अगुवे स्वीकार करने को तैयार नहीं थे कि यीशु इस्राएल का राजा है
यीशु का क्रूसीकरण और मृत्यु का वृत्तान्त चल रहा है।
"और जिन डाकूओं को सैनिकों ने यीशु के साथ क्रूस पर चढ़ाया था"
यीशु का क्रूसीकरण और मृत्यु का वृत्तान्त चल रहा है।
"ऊँची आवाज में कहा" या "चिल्लाया"
अनुवादक इन शब्दों को प्रायः मूल भाषा में ही रहने देते हैं
यीशु का क्रूसीकरण और मृत्यु का वृत्तान्त चल रहा है।
संभावित अर्थ, (1) सैनिकों में से एक या 2) दर्शकों में से एक
समुद्री जीव का घर जिसे तरल पदार्थों को सोखने के लिए काम में लिया जाता था कि बाद में उसे निचोड़ कर निकाल लें।
"यीशु को दिया"
अब यीशु की मृत्यु के समय की घटनाओं का वृत्तान्त आरंभ होता है।
लेखक पाठक का ध्यान अग्रिम आश्चर्यजनक जानकारी की ओर आकर्षित कर रहा है।
कब्रें खुल गई और सोए हुए पवित्र लोगों के बहुत से शव जी उठे । "परमेश्वर ने कब्रों को खोलकर अनेक पवित्र जनों को जो मर गए थे, मृतक देह को जीवित किया"।
"मर गए थे"
घटनाओं का क्रम अस्पष्ट है। संभावित क्रम हैः यीशु के मरने के बाद भूकम्प आया और कब्रें खुल गई (1) पवित्र जन जी उठे, यीशु जी उठा और पवित्र जन नगर में गए और अनेकों ने उन्हें देखा, या (2) यीशु जी उठा, पवित्र जन भी जी उठे, नगर में गए, अनेकों ने उन्हें देखा।
यीशु की मृत्यु पर चमत्कारी घटनाओं का वृत्तान्त चल रहा है
यीशु के दफन का वृत्तान्त आरंभ होता है
"पिलातुस ने सैनिकों को आज्ञा दी कि यीशु का शव यूसुफ को दे दें"
यीशु के दफन का वृत्तान्त चल रहा है
चादर -महंगी चादर
"कब्र के सामने"
यीशु दफन के बाद की घटनाओं का वृत्तान्त चल रहा है।
फसह के लिए तैयार होने का दिन
"जब भरमाने वाला, यीशु जीवित था"
यीशु दफन के बाद की घटनाओं का वृत्तान्त चल रहा है।
4 से 16 रोमी सैनिक
संभावित अर्थ, (1) उन्होंने रस्सी लेकर पत्थर के चारों ओर से कब्र के द्वार की दोनों ओर की दीवारों पर जड़ दी (देखें यू.डी.बी.) या (2) उन्होंने पत्थर और कब्र के बीच मुहर लगा दी।
"सैनिकों को ऐसे खड़ा किया कि वे किसी को कब्र के निकट न आने दें"