Matthew 18

Matthew 18:1

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यीशु शिष्यों को उदाहरण देने के लिए एक बच्चे को खड़ा करता है।

बालकों के समान बनो।

"बच्चों के समान सोच समझ न रखो" (देखें: और )

Matthew 18:4

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यीशु शिष्यों के सामने बच्चों का उदाहरण ही रख रहा है।

इस बालक के समान छोटा करेगा।

"जो कोई इस बालक के सदृश्य दीन बनेगा"।

बड़ी चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाता और वह गहरे समुद्र में डुबाया जाता।

"यदि वे उसके गले में चक्की का पाट बाँधकर उसे गहरे समुद्र में डाल दें"।

चक्की का पाट।

एक गोल बड़ा पत्थर जो गेहूँ पीसने के काम आता है। वैकल्पिक अनुवादः "बहुत भारी पत्थर"

Matthew 18:7

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यीशु शिष्यों के सामने बच्चों का उदाहरण ही रख रहा है।

तेरा हाथ

यीशु अपने श्रोताओं से इस प्रकार बात करता है कि मानो वे एक ही व्यक्ति हैं।

Matthew 18:9

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यीशु शिष्यों के सामने बच्चों का उदाहरण ही रख रहा है।

निकाल कर फेंक दे

यह अविश्वास की गंभीरता और उससे हर कीमत पर बचने की आवश्यकता दर्शाता है।

जीवन में प्रवेश करना

"अनन्त जीवन में प्रवेश करना"

Matthew 18:10

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यीशु शिष्यों के सामने बच्चों का उदाहरण ही रख रहा है।

तुच्छ न जानना

तुच्छ जानना , "प्रबल घृणा करना" या "महत्त्वहीन समझना"

उनके दूत

"बच्चों के स्वर्गदूत"

मुँह सदा देखते हैं

"सदैव निकट रहते हैं"।

Matthew 18:12

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यीशु शिष्यों के सामने बच्चों का उदाहरण ही रख रहा है।

तुम क्या सोचते हो?

"मनुष्यों के व्यवहार के बारे में क्या सोचते हो? ("देखें: )

निन्यानवे को छोड़कर ... ढूंढ़ेगा?

"वह सदा ही निन्यानवे को छोड़ कर उसे खोजने निकलेगा"

निन्यानवे

निन्यानवे

तुम्हारे पिता की... यह इच्छा नहीं कि इन छोटों में से एक भी नष्ट हो।

"तुम्हारा स्वर्गीय पिता इन सब छोटों को जीवित देखना चाहता है।"

Matthew 18:15

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यीशु मन फिराव और क्षमा की शिक्षा देना आरंभ करता है।

भाई को पा लिया

"तूने अपने भाई के साथ अच्छे संबन्ध बना लिए"।

मुँह से

"मुँह से निकली" गवाही

Matthew 18:17

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यीशु मन फिराव और क्षमा की ही शिक्षा दे रहा है।

उनकी भी न माने।

गवाहों की बात भी न माने

इसे अन्य जाति और महसूल लेने वाले जैसा जान

"उसके द्वारा ऐसा व्यवहार कर जैसा अन्यजातियां चुंगी लेने वाले के साथ करती है।

Matthew 18:18

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यीशु अपने शिष्यों को मन फिराव और क्षमा की शिक्षा दे रहा है।

बाँधोगे... बंधेगा... खोलोगे .... खुलेगा

देखें आपने इसका अनुवाद में कैसे किया है।

बंधेगा .... खुलेगा

वैकल्पिक अनुवाद, "परमेश्वर भी बांधेगा... परमेश्वर खोलेगा"।

उनको

"तुम में से दो"

दो या तीन

"दो या दो से अधिक" या "कम से कम दो"

इकट्ठा होते हैं

"इकट्ठा होते हैं"

Matthew 18:21

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यीशु मन फिराव और क्षमा की ही शिक्षा दे रहा है।

सात बार

"7 बार"

सात बार के सत्तर गुने तक

संभावित अर्थ, (1) "7 का 70 बार" (यू.एल.बी.) या (2) 77 बार"(यू.डी.बी..) यदि आंकड़े काम में लेने से उलझन उत्पन्न हो तो आप कह सकते है, "जितना गिन सके उससे अधिक" (देखें यू.डी.बी. और )

Matthew 18:23

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यीशु दृष्टान्त द्वारा मन फिराव और क्षमा की शिक्षा दे रहा है।

एक जन उसके सामने लाया गया।

वैकल्पिक अनुवाद, "किसी ने राजा के सेवकों में से एक को लाकर उसके समक्ष उपस्थित किया" )

दस हज़ार तोड़े

"10,000 तोड़े" या इतना अधिक ऋण कि वह कभी चुका नहीं पाता"

उसके स्वामी ने कहा,"यह और .... जो कुछ इसका है सब बेचा जाए, और कर्जा चुका दिया जाए।

"राजा ने सेवको को आज्ञा दी कि उसे उस मनुष्य और उसका सब कुछ बेचकर उस पैसे से उसका ऋण चुकाया जाए"।

Matthew 18:26

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यीशु दृष्टान्त द्वारा मन फिराव और क्षमा की शिक्षा दे रहा है।

गिरकर उसे प्रणाम किया।

"घुटनों पर गिरकर सिर झुकाया"

उसे

"राजा को"

छोड़ दिया

"उसे मुक्त कर दिया"

Matthew 18:28

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यीशु दृष्टान्त द्वारा मन फिराव और क्षमा की शिक्षा दे रहा है।

सौ दीनार

"100 दीनार" या " सौ दिनों की मजदूरी"

पकड़कर

"पकड़ा" या "झपटा" (यू.डी.बी)

गिरकर ..... धीरज धर मैं सब कुछ भर दूँगा।

इसका अनुवाद वैसा ही करे जैसा गिरकर ... धीरज धर मैं सब कुछ भर दूँगा का अनुवाद . में किया गया है।

Matthew 18:30

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यीशु दृष्टान्त द्वारा मन फिराव और क्षमा की शिक्षा दे रहा है।

Matthew 18:32

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यीशु दृष्टान्त द्वारा मन फिराव और क्षमा की शिक्षा दे रहा है।

उसके स्वामी ने उसको बुलवाकर

"राजा ने उस पहले दास को बुलवाया"

तुझे भी ....दया करना नहीं चाहिए था?

"आवश्यक था कि तू भी दया करता"

Matthew 18:34

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यीशु दृष्टान्त द्वारा मन फिराव और क्षमा की शिक्षा दे रहा है।