यीशु और धर्म गुरूओं में विवाद का आरंभ होता है।
यहूदी अगुवे परमेश्वर से चिन्ह की माँग कर रहे थे यीशु ने उनसे कहा कि वे आकाश को देखें, दोनों ही शब्दों के लिए वही शब्द काम में ले जहाँ परमेश्वर वास करता है, आकाश शब्द तब ही काम में ले जब पाठक इन भिन्न अर्थों को समझ पाएं।
सूर्यास्त का समय
स्वच्छ, शान्त मनभावन
सूर्यास्त की लाल किरणों की लालिमा
यह भी यीशु और धर्म-गुरुओं के मध्य विवाद का ही वृत्तान्त है।
"बादल और आँधी का मौसम"
"धूमिल और चिंताजनक"
वैकल्पिक अनुवाद, "परमेश्वर तुम लोगों को कोई चिन्ह नहीं देगा"
यीशु धर्म-गुरुओं से विवाद के बाद अपने शिष्यों को सतर्क करता है।
बुरे विचार और अनुचित शिक्षा
"विवाद" या "मतभेद"
यीशु धर्म-गुरुओं से विवाद के बाद अपने शिष्यों को सतर्क करता है।
यीशु उन्हें झिड़क रहा है। वैकल्पिक अनुवाद, "तुम्हें पांच हजार के लिए पाँच रोटियाँ और तुमने बचे टुकड़ों की कितनी टोकरियाँ उठाईं थी स्मरण रखना था। और चार हज़ार के लिए सात रोटियाँ और कितने टोकरे उठाए यह भी स्मरण रखना था।"
यीशु धर्म-गुरुओं से विवाद के बाद अपने शिष्यों को सतर्क करता है।
"तुम्हें समझ लेना था कि मैं वास्तव में रोटी के बारे में नहीं कह रहा था"। (यू.डी.बी.)
बुरे विचार और अनुचित शिक्षा
"शिष्यों को"
पतरस मानता है कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है।
"परन्तु मैं तुमसे पूछ रहा हूँ, तुम मुझे क्या कहते हो"?
यीशु पतरस के स्वीकरण पर कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है प्रतिक्रिया दिखाता है।
"योना के पुत्र शमौन"
"यह बात मनुष्य ने प्रकट नहीं की है"
संभावित अर्थ हैं: (1) "मृत्यु का सामर्थ्य जयवन्त नहीं होगा" (यू.डी.बी.) या (2) वह मृत्यु में सामर्थ्य को ऐसे ढा देगी जैसे सेना नगर में प्रवेश करती है
यीशु पतरस के अंगीकार, कि वह परमेश्वर पुत्र है, अपनी प्रतिक्रिया दिखाता है।
मनुष्यों के परमेश्वर के लोग होने के लिए मार्ग तैयार करने की योग्यता, जैसे एक दास अपने स्वामी के घर में अतिथियों का स्वागत करता है।
मनुष्य को क्षमा देना या दण्ड देना जैसा वैसा ही स्वर्ग में होगा
यीशु अपने शिष्यों को उसके अनुसरण का मूल्य समझाना आरंभ करता है।
जिस समय यीशु ने अपने शिष्यों को सतर्क किया कि वे किसी से न कहें कि वह मसीह है, उस समय वह उन्हें अपने बारे में परमेश्वर की योजना बताने लगा।
वैकल्पिक अनुवाद, "वे उसे मार डालेंगे"
"तीसरे दिन फिर जीवित हो जाऊँ" या "तीसरे दिन परमेश्वर उसे फिर जीवित करेगा"।
यीशु अपने शिष्यों को उसके अनुसरण का मूल्य समझा रहा है।
"मेरा शिष्य होने के लिए अनुसरण करना चाहता है"।
"अपनी इच्छाओं के अधीन न रहें" या "अपनी इच्छाओं का त्याग करें।"
"अपना क्रूस उठा कर उसे लेकर मेरे पीछे चले" यीशु के समान मरने के लिए तैयार हो जाए।
"किस की इच्छा से"
"संसार में जो कुछ है सब प्राप्त कर ले"
"स्वयं नष्ट हो जाए या भटक जाए"
यीशु अपने शिष्यों को उसके अनुसरण का मूल्य समझा रहा है।
"अपने मरने से पूर्व मनुष्य के पुत्र को उसके राज्य में आता देखेंगे"।
"मृत्यु का अनुभव नहीं करेंगे" या "मरेंगे नहीं"
"जब तक वे मुझे अपने राज्य में आते न देखेंगे"