अध्धाय 21

1 बा धनीके देखि अपन-अपन भेटी दान पात्रमे धरत देखि। 2 बा गरीब बिधवाके हुँवा दुई पैसा चढात फिर देखि। 3 तब बा कही निहात्य मए तुमसे काहत हौ,जा गरीब विधवा औरनसे सबसे जाधा चढाइ है। 4 काहेकी जे सब अपने प्रस्सता से भेटी चढाई हए ,पर जा गरीबी मैसे अपन सबै जिविका दै।" 5 अब कोइ-कोइ सुतरे -सुतरे पत्थर और दानमे प्राप्त भए समान सुसज्जित भए मन्दीरके बारेमे बात करन लागे, येशु कहान लागो। 6 तुम जो देखे हौ, अइसो समय आबैगो जब एक पत्थर उपर दुसरो पत्थर ना राहाबैगो ,बे सबए भसम हुइजएहए ।" 7 बे बासे पुछी, गुरुजी जे सब कब हुई हए ? और जे सब बात होत तव का चिन्ह हुइहए ? 8 बा कहि, होसीयार रहो, तुमके कोइना बहकाबे ना । मिर नाउँमे तमान आदमी मए बहए हौ, और समय ढिगई आएगओ हए, कहिके काए हए । उनके पिछु तुम मत लागौ । 9 तुम जब लणाई और खैलाबैला कि बात सुनएगे तओ तुम मत डराबौ, काहेकि पहिले जे घटना होनए पणैगो, पर अन्त्य तुरुन्तए ना होबएगो ।" 10 तव बा बिनसे कहि, “ राष्ट के बिरुध्दमे और राज्य राज्यके बिरुध्द मे उठँङ्गे । 11 भैयङ्कर हालाचाला आमङ्गे तमान जघामे भुक्मरी और हैजा आमङ्गे,भैयङ्कर लडाई होमङ्गे, औ बादरमे बणे बणे चिनह होमङ्गे । 12 पर जे सब बात होनसे अग्गु आदमी तुमके पकण्ङ्गे, और सतामङ्गे और तुमके सभा घरमे सौप देहए, और झेलमे डार देहए। तुमके मिर नाँउ के कारन राजा और हाकिमके अग्गु पुगएहै । 13 पर तुमर ताहि जा एक गवाही देनको अवसर हुइहए । 14 जहय मारे अपन बचावके ताहि का कहाङ्गो सो अग्गुसे मत सोचओ कहिके अपने मनमे पक्का करौ । 15 काहेकि मैतुमके अइसो मसकनके ताही बचन और बुद्धी देहओ ।कि तुमर बिरोधि उत्तर ना दै पैहए, और खन्डन फिर ना कर पैहए । 16 पर तुमर अइया- दउवा और दादा भैया, नातेदार और सँगी फिर तुमके पकणाए देहए, और तुम मैसे कोइ-कोइके बे मारङ्गे । 17 मिर नाउँके ताही तुमके सब आदमी घृणा करङ्गे। 18 पर तुमर शरीरके एक बार फिर नष्ट ना हुइहए। 19 तुमर धैरिय द्वाराके अपनो प्राण पाबैगे औ बचाबएगे। 20 पर जाब तुम येरुसलेमके,सेनानसे घिरो देखैगे, तव बाको बिनास जैने आइगैहए कहिके जानै । 21 तब यहुदियमे होनबारे पाहाण घेन भाजै । शहेर भितर होनबारे बाहिर भाजै, और बाहिर गाउँमे होनबारे शहेर भितर ना घुसए । 22 काहेकि लिखो भौबात सब पुरो होन हए , बे बदला लेनके दिन हुइहए । 23 बे दिन मे गर्बबति और दुध खबान बारी बैएरऐ ! काहेकि बा देशके उपर बणे- सङ्कट आबएगो,और बे आदमीके उपर क्रोध आए पणएगो । 24 बे तरवारसे मारेजामङ्गे, और सब देशमे बे कैदी बनाएके लैजामङ्गे और गैर यहुदीयनको समय पुरो ना होन तक बे यरुसलेमके कैदी बनायके धरङ्गे । 25 दिन, जोनि और तारामे चिहना दिखाइ देमङ्गे,और समुन्द्रको गरजन और छालसे ‘पृथ्वीके राष्ट शंकष्टमे पणके व्याकुल होमङगे 26 संसारमे होनबारो घटनाको अशंकासे आदमी बेहोस होमङ्गे काहेकी बादरको शक्ती डगमगाबैगो । 27 तव आदमीक लैणके शक्ती और मह महीमासंग बादरमे आत बे देखङ्गे। 28 जब जे बात होमङ्गी,तव उठव और अपन मुणीयाके उपर उठएके देखओ, काहेकी तुमर उद्धार जौने हए।" 29 येशू उनसे एक काहानीमए कही हुलर रुखा और सबै रुखाके देखओ, 30 बिनको पतझर देखके तुम अपनै पता पएहओ,कि, ग्रिष्म ऋरु ढिङ्गै हए। 31 जहेमारे तुम फिर जब जा बात होत देखैगे, तव परमेश्वरको राज्य ढिगैहए कहिके पतापाबैगे। 32 निहात्या मै तुमसे काहत हओ, जे सब घटना पुरो ना होनतक जा पुस्ता ना बितैगो । 33 आकास और पृथ्वी बित जैहए, पर मिर बचन ना बितैगो । 34 पर तुम अपने बारे मे होशियार राहबओ । नित भोक बिलास सराबी पन और जिबानको चिन्तासे तुमर मन भरए, और तुमर उपर बा दिन इकबरीए फाँसि हानि आए जएहए। 35 काहेकि अइसिए त सारे पृथ्वीभरमे बैठन बारे सबैके उपर फाँसी हानि आए पणैंगो । 36 पर आनबारो जा सब बासे उम्कन ,और आदमीके पुत्रके अग्गु ठाणंन सामर्थ होन ताहि, सब समय प्राथना करत राहओ।" 37 येशु दिनमे मन्दीर मे शिक्षा देत रहए, और रातके जैतुन काहन बारो डंगा मे रात गुजारत रहए । 38 बक बचन सुनन् ताहि सबै आदमी सबेरे से मन्दीर मे आत रहए ।