Matthew 10

Matthew 10:1

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यहाँ यीशु द्वारा शिष्यों को सेवा में भेजने का वृत्तान्त आरंभ होता है।

उसने अपने बारह चेलों को बुलाकर

"अपने बारह चेलों को एकत्र किया"

अधिकार दिया।

सुनिश्चित करें कि अनुवाद में यह अधिकार स्पष्ट हो (1) अशुद्ध आत्माओं को निकालना और (2) बीमारियों और दुर्बलताओं को चंगा करना।

उन्हें निकाले

अशुद्ध आत्माओं का निष्कासन करें

हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर कर ले।

"हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता", "बीमारी" और "दुर्बलता" संबन्धित शब्द है परन्तु संभव हो तो इन्हें दो अलग-अलग शब्दों में ही अनुवाद करना है। "बीमारी" मनुष्य को रोगी बनाती है। दुर्बलता शारीरिक विकार या कष्ट है जो बीमारी के परिणाम स्वरूप होती है।

Matthew 10:2

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यीशु द्वारा अपनी सेवा के निमित्त बारह चेलों को भेजने का वृत्तान्त ही चल रहा है जिसका आरंभ में हुआ था।

पहला

क्रम में न कि पद में।

जेलोतेस (शमौन)

इसके संभावित अर्थ हैं (1) "जेलोतेस" या (2) "जोशीला"। जेलोतेस का अर्थ है कि वह उस समूह का सदस्य था जो यहूदियों को रोमी साम्राज्य से मुक्त करना चाहते थे। वैकल्पिक अनुवाद, "देशभक्त" या "राष्ट्रवादी" या "स्वतंत्रता सेनानी"। दूसरा अर्थ, "जोशीला" से समझ में आता है कि वह परमेश्वर के सम्मान के लिए जोशीला था, इसका वैकल्पिक अनुवाद हो सकता है, "उत्साही"।

महसूल लेने वाला मत्ती

"मत्ती जो चूंगी लेनेवाला था"।

जिसने उसे पकड़वाया।

"जो यीशु के साथ विश्वासघात करेगा"।

Matthew 10:5

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यीशु द्वारा अपनी सेवा के निमित्त बाहर शिष्यों के भेजने का वृत्तान्त चल रहा है।

इन बारहों को यीशु ने .... भेजा।

"यीशु ने इन बारह शिष्यों को भेजा", या "यीशु ने जिन बारहों शिष्यों को भेजा वे ये हैं"।

भेजा

यीशु ने इन बारहों को एक विशेष उद्देश्य से भेजा था। "भेजा" "प्रेरित" का क्रियारूप है जिस शब्द का उपयोग में किया गया है।

यीशु ने यह आज्ञा देकर

यीशु ने यह आज्ञा देकर ,"उसने उन्हें कहा कि उन्हें क्या करना होगा" इसका अनुवाद इस प्रकार भी हो सकता है, "उसने उन्हें आदेश दिया"।

इस्राएल के घराने ही की खोई हुई भेड़ें।

यह एक रूपक है जो इस्राएल राष्ट्र की तुलना ऐसी भेड़ों से करता है जो चरवाहे से अलग होकर भटक गई हैं। (देखें यू.डी.बी.) (देखें: /WA-Catalog/hi_tm?section=translate#figs-metaphor)

इस्राएल के घराने

यह निर्देश इस्त्राएल जाति से संबन्धित है। इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, "इस्त्राएलियों" या "इस्राएलवंशियों"

चलते-चलते

यह बारह शिष्यों के संदर्भ में है।

स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।

इसका अनुवाद आप वैसे ही करेंगे जैसे आपने इस विचार का अनुवाद में किया है।

Matthew 10:8

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यीशु द्वारा अपने सेवाकार्य के निमित्त बारह शिष्यों को भेजने का वृत्तान्त ही चल रहा है जिसका आरंभ में हुआ है।

तुम.... तुम्हारा

अर्थात बारह प्रेरित (शिष्य)

न तो सोना, और न रूपा और न ताँबा रखना।

"सोना, चाँदी, ताँबा कुछ नहीं रखना"।

रखना

"प्राप्त करना", "ग्रहण करना" या "लेना”

न सोना, न चाँदी, न तांबा।

ये वे धातु थी जिनसे मुद्रा बनती थी। यह पैसों के लिए लाक्षणिक प्रयोग है। यदि आपके लिए ये धातुएं अनजान है तो इनका अनुवाद "पैसा" करें। (यू.डी.बी.)

पटुका

पटुका का अर्थ है "पैसा रखने वाले कमरबंध" या इसका अभिप्राय पैसा रखने की थैली से भी हो सकता है। "पटुका" कम में बांधने का कपड़े या चमड़े का पट्टा होता था। वह काफी चौड़ा होता था कि यदि उसे मोड़ लें तो उसमें पैसा रखा जा सकता था।

झोली

झोली , यात्रा में सामान लेकर चलने के लिए थैला या भोजन या पैसा मांगने के लिए झोली।

दो कुरते

यहाँ कुरते के लिए वही शब्द काम में ले जो में काम में लिया गया है।

मजदूर

"कर्मी"

भोजन

"आवश्यकता की वस्तुएं"

Matthew 10:11

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यीशु द्वारा अपने सेवाकार्य के निमित्त बारह शिष्यों को भेजने का वृत्तान्त ही चल रहा है जिसका आरंभ में हुआ है।

तुम.... तुम्हारा

यह सर्वनाम प्रेरितों के लिए काम में लिया गया है।

जिस किसी नगर या गाँव में जाओ।

जिस किसी नगर या गाँव में आओ , "जब किसी नगर या गाँव में प्रवेश करो", या "उस हर एक नगर या गाँव जिसमें तुम प्रवेश करो"।

नगर.... गाँव

"बड़ा गाँव.... छोटा गाँव" या "बड़ा नगर.... छोटा नगर" ये शब्द वही हैं जिसको में काम में लिया गया है।

जब तक वहाँ से न निकलो उसी के यहाँ रहो।

"उसी मनुष्य के घर में रहना जब तक कि नगर या गाँव से प्रस्थान न करो"।

घर में प्रवेश करते हुए उसको आशिष देना।

"घर में प्रवेश करते ही वहाँ रहनेवालों को आशिष देना"। उस समय का प्रचलित आशीर्वाद था, "इस परिवार को शान्ति मिले"।

यदि उस घर के लोग योग्य होंगे।

"यदि उस घर के लोग तुम्हारा अच्छा स्वागत करें" (यू.डी.बी.) या "उस घर के लोग तुम्हारे साथ अच्छा व्यवहार करें"।

तो तुम्हारा कल्याण उन पर पहुँचेगा।

"उन्हें शान्ति मिलेगी" या "उस घर के लोग शान्ति में जीएंगे"।(देखें: यू.डी.बी.)

तुम्हारा कल्याण

वह शान्ति जिसके लिए प्रेरित परमेश्वर से विनती करें कि वह उस परिवार को दे।

यदि वे योग्य न हों।

"यदि वे तुम्हारा अच्छा स्वागत न करें" (यू.डी.बी.) या "यदि वे तुम्हारे साथ अच्छा व्यवहार न करें"।

तुम्हारा कल्याण तुम्हारे पास लौट आयेगा।

इसका अर्थ दो में से एक हो सकता है, (1) यदि वह परिवार योग्य न हुआ तो परमेश्वर अपनी शान्ति या आशिष उस परिवार से रोक लेगा, जैसा यू.डी.बी में व्यक्त किया गया है या (2) यदि वह परिवार योग्य न हुआ तो प्रेरितों से कुछ करने की अपेक्षा की गई है, जैसे, परमेश्वर से विनती करना कि उनका अभिवादन स्वीकार न करे। यदि आपकी भाषा में आशिष को वापस लेने का या उसके प्रभाव को निष्फल करने का शब्द है, जो उसे काम में लें।

Matthew 10:14

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यीशु द्वारा अपने सेवाकार्य के निमित्त बारह शिष्यों को भेजने का वृत्तान्त ही चल रहा है जिसका आरंभ में हुआ है।

जो कोई तुम्हें ग्रहण न करे और तुम्हारी बातें न सुने।

"यदि उस नगर में तुम्हें कोई ग्रहण न करे या तुम्हारी बातें न सुने।"

तुम ... अपने

अर्थात बारह प्रेरित (शिष्य)

तुम्हारी बातें न सुने

"तुम्हारा सन्देश न सुने" (यू.डी.बी.) या "तुम्हें जो कहना है, न सुने"।

नगर

इसका अनुवाद वैसे ही करें जैसे में किया है।

अपने पाँवों की धूल झाड़ डालो।

"उस घर या नगर की धूल अपने पाँवों में से झाड़ दो" यह एक चिन्ह है कि परमेश्वर ने उस घर या नगर के लोगों को त्याग दिया है। (देखें यू.डी.बी.)

अधिक सहने योग्य होगी।

पीड़ा कम होगी।

सदोम और अमोरा के देश

"सदोम और अमोरा के निवासियों से" जिन्हें परमेश्वर ने स्वर्ग से आग गिराकर भस्म कर दिया था।

उस नगर

जिस नगर के लोग प्रेरितों को ग्रहण न करें या उनका सन्देश न सुने।

Matthew 10:16

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यीशु अपने बारह शिष्यों के उस सताव के बारे में चर्चा करता है जो अपने सेवाकार्य को करने के कारण उन्हें सहना होगा।

देखो

"देखो" शब्द यहाँ अग्रिम चर्चा पर बल डालता है, इसका वैकल्पिक अनुवाद होगा, "ध्यान दो" या "सुनो" या "जो मैं कहने जा रहा हूँ उस पर ध्यान दो"। (देखें यू.डी.बी.)

मैं तुम्हें .... भेजता हूँ।

यीशु उन्हें एक उद्देश्य विशेष के निमित्त भेज रहा है।

भेड़ों के समान भेड़ियों के बीच।

यीशु अपने शिष्यों को जिन्हें वह भेज रहा है उनकी तुलना असुरक्षित भेड़ों से करता है, जो ऐसी जगह जाएंगी जहाँ उन पर वन पशुओं के आक्रमण की संभावना है। (देखें: /WA-Catalog/hi_tm?section=translate#figs-simile)

भेड़ों के समान

असुरक्षित

भेड़ियों के बीच

आप इस उपमा को स्पष्ट करके कह सकते है, "ऐसे मनुष्यों के मध्य जो खतरनाक भेड़ियें हैं"। या "ऐसे मनुष्यों के मध्य जो खतरनाक पशुओं का सा व्यवहार करते हैं", या सादृश्य व्यक्त करें "उन लोगों के मध्य जो तुम पर आक्रमण करेंगे।"

इसलिए सांपों के समान बुद्धिमान और कबूतरों के समान भोले बनो।

यहाँ इस उपमा को काम में नहीं लेना ही अच्छा है, "समझदारी और सावधानी से काम करना साथ ही साथ भोलेपन एवं सद्गुणों का प्रदर्शन करना"।

लोगों से सावधान रहो, क्योंकि वे तुम्हें महा सभाओं में सौंपेंगे।

"सावधान रहना क्योंकि वे तुम्हें पकड़वाएंगे"।

सावधान रहो।

"चौकस रहो", "सतर्क रहो",या "अत्यधिक सोच समझ कर चलना",

सौपेगें

यीशु के साथ यहूदा ने जो किया उसके लिए यही शब्द है (देखें यू.डी.बी.) वैकल्पिक अनुवादः "धोखे से पकड़वायेंगे" या "तुम्हें पकड़वायेंगे", या "तुम्हें बन्दी बनवाकर मुकदमा चलाएंगे"।

पंचायत

पंचायत , अर्थात स्थानीय धार्मिक अगुवे या जो अगुवे समुदाय में शान्ति बनाए रखते हैं। वैकल्पिक अनुवाद है, "न्यायालयों"।

कोड़े मारेंगे।

"कोड़ों से पीटेंगे"।

पहुँचाए जाओगे।

"तुम्हें लाएंगे" या "तुम्हें घसीटेंगे"

मेरे लिए

"क्योंकि तुम मेरे हो" (यू.डी.बी.) या "क्योंकि तुम मेरा अनुकरण करते हो"।

उन पर और अन्य जातियो पर

सर्वनाम "उन" से अभिप्राय है "हाकिमों और राजाओं" या यहूदी दोष लगाने वाले। (10:17)

Matthew 10:19

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यीशु अपने शिष्यों को उनके आने वाले सताव की चर्चा कर रहा है, इसका आरंभ में हुआ है।

जब वे तुम्हें पकड़वाएंगे।

"जब मनुष्य तुम्हें पकड़वाए" यहाँ वे अर्थात मनुष्य वही है जो में हैं।

पकड़वाएं

इसका अनुवाद वैसा ही करें जैसा में "पकड़वाने" का किया है।

तू

इस संपूर्ण गद्यांश में "तुम" और "तुम्हारे" का संदर्भ प्रेरितों से है।

चिन्ता न करना।

"विचलित न होना"

हम किस रीति से या क्या कहेंगे।

"तुम्हें कैसे और क्या कहना है; दोनों विचारों को जोड़ा जा सकता है", "तुम्हें क्या कहना होगा"।

उसी घड़ी

"उसी समय"

तुम्हारे पिता का आत्मा

यदि आवश्यक हो तो इसका अनुवाद हो सकता है, "तुम्हारे स्वर्गीय पिता की आत्मा" या पद-टिप्पणी लिखी जाए कि यह परमेश्वर पिता का पवित्र आत्मा है, न कि सांसारिक पिता की आत्मा।

तुम में

"तुम्हारे माध्यम से"

Matthew 10:21

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यीशु अपने शिष्यों को उनके आने वाले सताव की चर्चा कर रहा है, इसका आरंभ में हुआ है।

भाई- भाई को और पिता पुत्र को घात के लिए सौंपेंगे।

वैकल्पिक अनुवाद "भाई-भाई को मरवाने के लिए पकड़़वाएगा और पिता अपनी सन्तान को मरवाने के लिए पकड़वाएगा"।

सौंपेगे

इसका अनुवाद वैसा ही करना होगा जैसा में "सौपेंगे" का किया है।

विरोध में उठकर

"विद्रोह करेंगे" (यू.डी.बी.) या "विरूद्ध हो जायेंगे"

उन्हें मरवा डालेंगे।

"उन्हें घात करवाएंगे" या "अधिकारियों द्वारा उन्हें मृत्यु दण्ड दिलवाएंगे।"

सब लोग तुमसे बैर करेंगे।

वैकल्पिक अनुवाद, "सब तुमसे घृणा करेंगे" या "मनुष्य तुमसे घृणा करेंगे"।

तुम्हें.... तुम

अर्थात बारह प्रेरित (शिष्य)

मेरे नाम के कारण

"मेरे कारण" या "क्योंकि तुम मुझमें विश्वास करते हो"।(यू.डी.बी.)

जो धीरज धरे रहेगा

"जो विश्वासी बना रहेगा"।

उसी का उद्धार होगा।

वैकल्पिक अनुवाद, "परमेश्वर उसे बचा लेगा"।

दूसरे को भाग जाना।

"दूसरे नगर में चले जाना"

आ जायेगा

"पहुँच जायेगा"।

Matthew 10:24

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यीशु अपने शिष्यों को उनके आने वाले सताव की चर्चा कर रहा है, इसका आरंभ में हुआ है।

चेला अपने गुरू से बड़ा नहीं होता।

यह एक सामान्य तथ्य है न कि किसी शिष्य विशेष या उसके गुरू के बारे में है। शिष्य अपने गुरू से अधिक महत्त्वपूर्ण नहीं होता है। इसका कारण है कि वह "गुरू से अधिक ज्ञान नहीं रखता है" या उसका "पद बड़ा नहीं है" या "अधिक उत्तम नहीं है"। वैकल्पिक अनुवाद है, "शिष्य सदैव ही गुरू से कम महत्त्वपूर्ण होता है" या "गुरू सदैव ही शिष्य से अधिक महत्त्वपूर्ण होता है।"

न दास अपने स्वामी से।

"दास अपने स्वामी पर अधिकारी नहीं होता है"यह भी एक सामान्य तथ्य है, न कि किसी दास विशेष या उसके स्वामी से संबन्धित है। दास अपने स्वामी से न तो "अधिक बड़ा" होता है न ही "अधिक महत्त्वपूर्ण" होता है। वैकल्पिक अनुवाद, "दास सदैव ही अपने स्वामी से कम महत्त्वपूर्ण होता है", या "स्वामी सदैव ही दास से अधिक महत्त्वपूर्ण होता है"।

दास

"दास"

स्वामी

"स्वामी"

चेले का गुरू के बराबर होना ही बहुत है।

"शिष्य" को अपने गुरू के जैसा होने में ही सन्तोष करना है"।

गुरु के समान

"अपने गुरु के तुल्य ज्ञानवान" या "जैसा गुरू वैसा चेला" होना ही पर्याप्त है।

दास का अपने स्वामी के बराबर।

.... और दास को अपने स्वामी के तुल्य महत्त्वपूर्ण होना ही पर्याप्त है“।

उन्होंने घर के स्वामी को शैतान कहा तो उसके घरवालों को क्या कुछ न कहेंगे।

यीशु के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा था अतः यीशु के शिष्यों को भी वैसे ही व्यवहार वरन् उससे भी बुरे की अपेक्षा करना है।(देखें यू.डी.बी)

यदि उन्होंने.... कहा

वैकल्पिक अनुवाद, "क्योंकि उन्होंने... कहा है।"

घर के स्वामी को

यीशु "घर के स्वामी" को अपने लिए उपमा स्वरूप काम में ले रहा है।

शैतान

मूल भाषा में इसका अर्थ हो सकता है, (1) बालज़बूल (2) या इसका अभिप्रेत अर्थ शैतान होता है।

उसके घरवालों को

यीशु "घरवालों को" रूपक स्वरूप शिष्यों के लिए काम में ले रहा है।

Matthew 10:26

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यीशु अपने शिष्यों को उनके आने वाले सताव की चर्चा कर रहा है, इसका आरंभ में हुआ है।

मनुष्यों से मत डरना।

"वे" सर्वनाम उन मनुष्यों का बोध करती है जो यीशु के शिष्यों को सताते थे।

कुछ ढका नहीं, जो खोला न जायेगा, और न कुछ छिपा है जो जाना न जायेगा।

इस सादृश्य का अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, "परमेश्वर मनुष्यों की गुप्त बातों को प्रकट कर देगा"। (देखें: : )

जो मैं तुमसे अन्धियारे में कहता हूँ, उसे तुम उजियाले में कहो, और जो कानों-कान सुनते हो, उसे छतों पर से प्रचार करो।

इस सादृश्य का अनुवाद हो सकता है, "मैं जो अन्धेरे में कहा उसका दिन में प्रचार करो और जो कान में धीमे स्वर में सुनते हो उसका छतों पर से प्रचार करो"।

जो मैं तुमसे अन्धियारे में कहता हूँ

“जो मैं तुमसे गुप्त रूप से कहता हूँ“ या ”जो बातें मैं तुमसे अकेले में कहता हूँ” ।

उजियाले में कहो

"खुलकर कहो" या "सबको सुनाओं" (देखें यू.डी.बी.)

जो कानों में सुनते हो।

"मैं तुम्हारे कानों में जो मन्द स्वर में कहता हूँ।"

उसे छतों पर से प्रचार करो।

"सबको ऊंचे शब्दों में सुनाओ" यीशु के युग में घर की छतें समतल होती थी और यदि वहाँ से कोई कुछ कह ले सब सुन सकते थे।

Matthew 10:28

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यीशु अपने शिष्यों को उनके आने वाले सताव की चर्चा कर रहा है, इसका आरंभ में हुआ है।

जो शरीर को घात करते हैं पर आत्मा को घात नहीं कर सकते उनसे मत डरना।

"मनुष्यों से मत डरना क्योंकि वे शरीर को घात करते हैं आत्मा को नहीं"।

शरीर को घात करते हैं।

शरीर को मार सकते हैं यदि ये शब्द अनुचित प्रतीत हों तो इसका अनुवाद हो सकता है, "जो तुम्हारी हत्या करते हैं" या "मनुष्यों की हत्या करते हैं"।

शरीर

मनुष्य का वह भाग जो हुआ जा सकता है।

आत्मा को घात नहीं कर सकते

मनुष्य के मरने के बाद हानि नहीं पहुंचा सकते।

आत्मा

मनुष्य का वह भाग जिसको स्पर्श नहीं किया जा सकता और जो मरणोपरान्त जीवित रहता है।

क्या पैसो में दो गौरैयें नहीं बिकतीं?

इस प्रश्न का अनुवाद हो सकता है, "गौरैयों को देखो। उनका मूल्य कितना कम है कि एक पैसे में दो खरीदी जा सकती हैं"(यू.डी.बी.)।

गौरैयें

इन छोटे दाना चुगने वाले पक्षियों को रूपक स्वरूप उन वस्तुओं के लिए काम में लिया जाता है जिन्हें महत्त्वहीन समझा जाता है।

पैसा

इसका अनुवाद लक्षित भाषा में सबसे छोटी मुद्रा के लिए किया जाए। यह एक ताँबे का सिक्का था जो मजदूर की एक दिन की मजदूरी सौलहवें भाग के बराबर था। इसका अनुवाद "बहुत कम पैसों में" भी हो सकता है।

तौभी तुम्हारे पिता की इच्छा के बिना उनमें से एक भी भूमि पर नहीं गिर सकती।

इस अभिव्यक्ति का अनुवाद इस प्रकार हो सकता है, "उनमें से एक भी मरेगी तो पिता को उसकी जानकारी होगी"। या "केवल पिता की जानकारी से ही एक भी मरेगी"।

एक भी।

"एक भी गौरैया"

भूमि पर नहीं गिर सकती।

"नहीं मर सकती"

तुम्हारे सिर के बाल भी सब गिने हुए हैं।

"परमेश्वर जानता है कि तुम्हारे सिर पर कितने बाल हैं।"

गिने हुए हैं।

"गणना की हुई है"।

तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो।

परमेश्वर तुम्हें बहुत अधिक गौरैयों से बढ़कर मानता है।

Matthew 10:32

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यीशु अपने शिष्यों को उनके आने वाले सताव की चर्चा कर रहा है, इसका आरंभ में हुआ है।

जो कोई मनुष्यों के आगे मुझे मान लेगा।

“जो मनुष्यों के सामने प्रकट करे कि वह मेरा शिष्य है” या “जो कोई मनुष्यों के समक्ष मेरे प्रति स्वामि-भक्ति स्वीकार करेगा”।

मान लेगा।

"स्वीकार करेगा" (यू.डी.बी.)

मनुष्यों के सामने

"मनुष्यों के समक्ष" या "दूसरों के समक्ष"

अपने स्वर्गीय पिता

यीशु स्वर्गीय पिता परमेश्वर के बारे में कह रहा है।

जो कोई मनुष्यों के सामने मेरा इन्कार करेगा।

जो कोई मनुष्यों के सामने मेरा इंकार करेगा "जो कोई मनुष्यों के सामने मेरा त्याग करेगा" या "जो मनुष्यों के समक्ष तुमसे विमुख होगा" या "जो मनुष्य के समक्ष मेरा शिष्य होना स्वीकार नहीं करेगा" या "जो मेरे प्रति स्वामिभक्ति का इन्कार करेगा"।

Matthew 10:34

x

यीशु अपने शिष्यों से उनके आने वाले सताव की चर्चा कर रहा है, इसका आरंभ में हुआ है।

यह न समझो

"ऐसा नहीं सोचना" या "यह नहीं मानना"

तलवार

इस रूपक का अर्थ हो सकता है, (1) हिंसक मृत्यु (देखें क्रूस 10:37/10:38) या (2) विभाजन कारी कलह

कर दूँ।

"बदल दूँ", या "विभाजित कर दूं" या "पृथक कर दूँ"।

मनुष्य को उसके पिता से

"पुत्र को पिता के विरूद्ध"

मनुष्य के बैरी

मनुष्य के बैरी या "मनुष्य के सबसे बड़े दुश्मन"

उसके घर ही के लोग होंगे।

"उसके परिवार के अपने सदस्य"

Matthew 10:37

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यीशु अपने शिष्यों को उनके आने वाले सताव की चर्चा कर रहा है, इसका आरंभ में हुआ है।

जो अपने माता-पिता को मुझसे अधिक प्रिय जानता है वह मेरे योग्य नहीं।

वैकल्पिक अनुवाद, "जो .... प्रिय जानते हैं वे .... योग्य नहीं" या "यदि तुम.... प्रेम करते हो तो .... योग्य नहीं।"

जो

इसका अनुवाद यह भी हो सकता है, "जो कोई" या "वह जो" या "जो मनुष्य"। (देखें यू.डी.बी.)

प्रिय जानते हैं।

यहाँ "प्रिय" का अर्थ है "भाईचारे का प्रेम" "या" "मित्र का प्रेम" इसका अनुवाद यह भी हो सकता है, "चिन्ता करता है" या "समर्पित है” या "लगाव रखता है"।

मेरे योग्य नहीं।

इसका अनुवाद यह भी हो सकता है, "मेरा होने के योग्य नहीं" या "मेरा होने के योग्य नहीं" या "मेरा शिष्य होने के योग्य नहीं" या "मेरा होने का नहीं"।(देखें यू.डी.बी.)

जो अपना क्रूस लेकर मेरे पीछे न चले।

वैकल्पिक अनुवाद, "जो अपना क्रूस न उठाएं वे .... योग्य नहीं" या "यदि तुम अपना क्रूस न उठाओ तो ...योग्य नहीं" या जब तक तुम अपना क्रूस न उठाओ तब तक ... योग्य नहीं"।

क्रूस लेकर मेरे पीछे न चले।

यह मरने के लिए तैयार रहने का रूपक है। आपको सामान उठाकर किसी के पीछे चलने का कोई साधारण शब्द काम में लेना होगा। (देखें: Metaphor)

उठाकर

"लेकर" या "उठाकर चलना"।

जो.... बचाता है .... खोएगा, जो खोता है वह उसे पायेगा।

इनका अनुवाद यथा संभव कम से कम शब्दों में करना होगा। वैकल्पिक अनुवादः "जो खोज में रहेंगे....खोएंगे और जो खोएंगे.... पाएंगे" या "यदि तुम खोजते हो तो खोओगे.... खोओगे तो .... पाओगे"।

पायेगा

यह "रखने" या "बचाने" के लिए लाक्षणिक प्रयोग है। इसका वैकल्पिक अनुवाद है, "रखने का प्रयास करता है" या "सुरक्षा करने का प्रयास करता है"।

खोएगा।

इसका अर्थ यह नहीं कि मनुष्य मर जायेगा। यह "सच्चा जीवन नहीं पाएगा" के लिए प्रयुक्त रूपक है।

खोता है।

वैकल्पिक अनुवाद हैः "त्यागता है" या "त्यागने के लिए तैयार हैं"।

मेरे लिए

"क्योंकि वह मुझ में विश्वास करता है" (देखें यू.डी.बी.) या "मेरे लिए", या "मेरे लिए"। यह वही विचार है जो में व्यक्त है।

उसे पाएगा

इस रूपक का अर्थ है "सच्चा जीवन पाएगा"

Matthew 10:40

x

यीशु अब अपने शिष्यों से कहना आरंभ करता है कि जब वे निकलेंगे तब उनकी सहायता करने वालों को वह प्रतिफल देगा।

वह जो

इसका अनुवाद हो सकता है, "जो कोई" या "हर एक जो" या "वह जो"। (देखें: यू.डी.बी.)

ग्रहण करता है।

यह वही शब्द है, जो में आया है, "ग्रहण" जिसका अर्थ है अतिथि स्वरूप ग्रहण करना।

तू

"तुम्हें" सर्वनाम का अर्थ है वे शिष्य जिनसे यीशु बातें कर रहा है।"

मेरे भेजने वाले को ग्रहण करता है।

"मेरे पिता परमेश्वर को ग्रहण करता है जिसने मुझे भेजा है"।

Matthew 10:42

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इसके साथ ही यीशु अपने प्रेरितों को ग्रहण करने वालों के प्रतिफल की चर्चा समाप्त करता है।

पिलाए

"जो कोई भी पिलाए"

इन छोटों में से एक को मेरा चेला जानकर एक कटोरा ठंडा पानी पिलाए।

इन छोटों में से एक को मेरा चेला जानकर एक कटोरा ठंडा पानी पिलाए । इसका अनुवाद इस प्रकार भी हो सकता है, "क्योंकि वह मेरा शिष्य है इन छोटों में से किसी एक को भी" या "मेरे शिष्यों में छोटे से छोटे को भी ठंडा पानी पिलाए"।

वह किसी रीति से अपना प्रतिफल न खोएगा।

"वह मनुष्य निश्चय ही अपना प्रतिफल पाएगा"।

खोएगा।

"इन्कार किया जाएगा" अधिकार से इसका कोई संबन्ध नहीं है।