अब यीशु द्वारा लकवे के रोगी की चंगाई का वृत्तान्त आरंभ होता है।
यीशु नाव पर चढ़कर सम्भवतः उसके चेले भी साथ थे।
वही नाव जो में थी। यदि उलझन दूर करना हो तब ही स्पष्ट करें।
"जिस नगर में वह ठहरा हुआ था" (यू.डी.बी.)
यह कहानी के अगले भाग का आरंभ है। इसमें पिछली घटना की अपेक्षा अन्य जन हैं। आपकी भाषा में इसे व्यक्त करने का प्रावधान होगा।
जो लकवे के रोगी को यीशु के पास लाए। उनमें लकवे का रोगी भी था।
वह यीशु का पुत्र नहीं था। यीशु उसके साथ कोमलता का व्यवहार कर रहा था। यदि इससे उलझन उत्पन्न हो तो अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, "मेरे मित्र", "हे युवक" या इसे छोड़ा भी जा सकता है।
"परमेश्वर ने तेरे पाप क्षमा किए" या "मैंने तेरे पाप क्षमा किए"।
यीशु द्वारा लकवे के रोगी की चंगाई का ही वृत्तान्त चल रहा है।
यह कहानी के अगले भाग का आरंभ है। इसमें पिछली घटना की अपेक्षा अन्य जन हैं। आपकी भाषा में इसे व्यक्त करने का प्रावधान होगा।
इसका अर्थ है, "आपस में" अपने विचारों में या "एक दूसरे से" कहने लगे। यीशु का दावा प्रकट है कि वह ऐसे काम कर सकता है जो शास्त्रियों की समझ में केवल परमेश्वर ही करता है।
यीशु उनके मन की बातें दिव्य शक्ति से जान गया था या उनकी काना पूसी के कारण समझ गया था।
इस प्रश्न द्वारा यीशु शास्त्रियों को झिड़कता है।
बहुवचन
यह नैतिक बुराई या दुष्टता है न कि मात्र गलती।
यीशु ने शास्त्रियों को स्मरण कराने के लिए यह प्रश्न पूछा था क्योंकि उनके विचार में वह अपने पापों के कारण रोगी हो गया था और पाप क्षमा द्वारा वह फिर से चलने फिरने लगेगा, अतः जब वह उस रोगी को चंगा करेगा तो शास्त्री जान लेंगे कि वह पाप भी क्षमा कर सकता है।
यह कहना आसान है, "तेरे पाप क्षमा हुए, या यह कहना, उठ और चल फिर"?
इसका अर्थ हो सकता है (1) "मैं तेरे पाप क्षमा करता हूँ"। (यू.डी.बी.) या (2) "परमेश्वर तेरे पास क्षमा कर रहा है"।
"मैं सिद्ध करता हूँ" "तुम" बहुवचन में है।
एकवचन
यीशु उसे अन्य कहीं जाने से मना नहीं कर रहा है, वह उसे घर जाने का अवसर प्रदान कर रहा है।
यह लकवे के रोगी की चंगाई के वृत्तान्त का अन्त है। यीशु चूंगी लेने वाले को अपना शिष्य होने के लिए बुलाता है।
वही शब्द काम में ले जो में काम में लिए हैं।
पाप क्षमा का अधिकार।
कलीसिया की परम्परा के अनुसार यही मत्ती, मत्ती रचित सुसमाचार का लेखक है परन्तु अभिलेख में ऐसा कोई कारण प्रकट नहीं होता की "वह" और "उसके" को "मुझे" और "मै" में बदला गया है।
"यीशु ने मत्ती से कहा"।
यहाँ इस वाक्यांश द्वारा घटना का आरंभ वैसे ही होता है जैसे "देखो" से होता है में। यदि आपकी भाषा में इसे व्यक्त करने का प्रावधान है तो उसे यहाँ काम में लें।
जाने के लिए कोई सामान्य उपयोग का शब्द काम में लें। यहाँ यह स्पष्ट नहीं है कि यीशु पहाड़ पर चढ़ रहा था या उतर रहा था या कफरनहूम की ओर जा रहा था या उसकी विपरीत दिशा में जा रहा था।
"मत्ती उठा और यीशु के पीछे चलने लगा", यीशु के शिष्य रूप में,(देखें यू.डी.बी) न कि उसके साथ तक कहीं जाने के लिए।
यह घटना चूंगी लेने वाले मत्ती के घर की है।
संभवतः मत्ती का घर (देखें यू.डी.बी.) परन्तु यह यीशु का घर भी हो सकता है (भोजन करने के लिए बैठा) आवश्यकता पड़ने पर ही स्पष्ट करें।
यह शब्द "देखो" हमें कहानी में नए लोगों के प्रति सचेत करता है। आपकी भाषा में इसे व्यक्त करने का प्रावधान हो सकता है। अंग्रेजी में है "देयर वॉज़ ए मॅन हू वज़..."
वे "जब फरीसियो ने देखा कि यीशु चुंगी लेने वालों और पापियों के साथ भोजन कर रहा है"।
यह घटना चूंगी लेने वाले मत्ती के घर की है।
"यह" अर्थात फरीसियों का प्रश्न सुनकर, चूंगी लेने वालों और पापियों के साथ भोजन करना।
"स्वस्थ मनुष्यों"
डॉक्टर (यू.डी.बी.)
"रोगियों को डॉक्टर की आवश्यकता होती है।"
"तुम्हारे लिए इसका अर्थ समझना आवश्यक है।"
"तुम" सर्वनाम शब्द फरीसियों के लिए है।
यूहन्ना के चेलों ने उसके पास आकर कहा, "तेरे चेले उपवास नहीं करते"।
दुल्हें के साथ हाने पर कोई भी बरातियों से उपवास के लिए नहीं कहेगा।
यीशु के शिष्यों के लिए एक रूपक का प्रयोग है।
"दुल्हा" यीशु है, जीवित होने के कारण वह "उनके साथ है"।
"जब कोई दुल्हें को उनसे अलग कर देगा"। यह मारे जाने के लिए रूपक है।
"विलाप करना... दुःख मनाना"। (यू.डी.बी.)
यीशु यूहन्ना के शिष्यों द्वारा पूछे गए प्रश्न का ही उत्तर दे रहा है।
पुरानी परम्पराओं का पालन करने वाले नई परम्परा को स्वीकार करने के लालायित नहीं होते हैं।
वस्त्र , "परिधान"
"कपड़े का टुकड़ा, जो फटे कपड़े पर लगाया जाता है"।
यीशु यूहन्ना के शिष्यों द्वारा पूछे गए प्रश्न का ही उत्तर दे रहा है।
यूहन्ना के शिष्यों के प्रश्न का उत्तर देने के लिए यह रूपक या दृष्टान्त का उपयोग है, हम और फरीसी इतना उपवास करते हैं पर तेरे चेले उपवास नहीं करते।
"नहीं कोई.... मैं डालता हूँ" (यू.डी.बी.) "लोग नहीं डालते"।
"अंगूर का रस" वह बस जिसका किंणवन नहीं हुआ है। यदि आपके क्षेत्र में अंगूर उगाए जाते हैं तो वहीं नाम काम में ले जो प्रचलित है।
वे मशकें जो कई बार काम में ली जा चुकी हैं।
ये पशुओं के चमड़े से बनी होती थी उन्हें "दाख रस के थैले" या "चमड़े के थैले"(यू.डी.बी.) भी कह सकते हैं।
दाखरस जब किंणवन होता है तब वह फैलता है जिससे पुरानी मशकें जो और अधिक नहीं फैल सकती फट जाती है।
"फट जाती है"। (यू.डी.बी)
"दाखरस के नये थेले" जो कभी काम में नहीं लिए गए।
यहूदी सरदार की पुत्री की चंगाई के वृत्तान्त का आरंभ।
अर्थात यूहन्ना के शिष्यों को दिए गए उत्तर के बाद समय।
"देखो" शब्द हमें कहानी में एक नए व्यक्ति को प्रवेश के प्रति सतर्क करता है। अपनी भाषा में इसे व्यक्त करने का प्रावधान होगा।
यह यहूदी संस्कृति में सम्मान प्रकट करने की रीति थी।
इसका अर्थ यह हुआ कि वह यहूदी उस पर विश्वास करता था कि यीशु उसकी पुत्री को पुनजीर्वित कर सकता है।
यीशु के शिष्य।
यहाँ यहूदी सरदार के घर जाते समय यीशु द्वारा एक स्त्री की चंगाई का वर्णन है।
"देखो" शब्द हमें कहानी में एक नए व्यक्ति को प्रवेश के प्रति सतर्क करता है। अपनी भाषा में इसे व्यक्त करने का प्रावधान होगा।
"उस का बहुत लहू बहता था" संभवतः लगातार मासिक धर्म का स्राव। कुछ संस्कृतियों में इसको व्यक्त करने की भद्र शब्दावली होगी। (देखें: )
उसका विश्वास वस्त्र में नहीं यीशु में था कि वह चंगा करेगा।
"बागा"
"इसकी अपेक्षा" इस स्त्री ने जो सोचा था वैसा हुआ नहीं।
वह यीशु की पुत्री नहीं थी, यीशु उसको कोमलता दिखा रहा था। यदि इससे उलझन होती है तो "युवती" काम में लें या छोड़ दें।
यहाँ भी यहूदी सरदार की पुत्री को जीवित करने का ही वृत्तान्त चल रहा है।
यह उस यहूदी सरदार का घर है।
यह एक खोखले बांस का वाद्य यन्त्र है जिसको बजाने के लिए एक सिरे से हवा फूंकी जाती है।
" बाँसुरी बजाने वाले लोग"।
यीशु अनेकों से कह रहा है अतः बहुवचन काम में लें यदि आपकी भाषा में है।
यीशु सोने का रूपक काम में ले रहा है क्योंकि उसकी मृत्यु अधिक है। वह उसे मृतकों में से जीवित करेगा।
यीशु द्वारा यहूदी सरदार की पुत्री की चंगाई का वृत्तान्त इसके साथ समाप्त होता है
"जब यीशु ने भीड़ को हटा दिया" या "जब परिवार वालों ने लोगों को बाहर भेज दिया"।
"बिस्तर छोड़ दिया" यह भावार्थ वही है जो में है।
यहाँ चर्चा का मानवीकरण का अर्थ है कि जो वहाँ थे उन लोगों ने सबको बता दिया। "उस संपूर्ण क्षेत्र के निवासियों को इसका समाचार प्राप्त हुआ" (यू.डी.बी.) या "जिन लोगों ने उस बालिका को जीवित देखा जाकर उस क्षेत्र में सबको इसके बारे में सुनाया"।
अब यीशु द्वारा दो अंधे मनुष्यों की चंगाई का वृत्तान्त आरंभ होता है।
यीशु उस क्षेत्र से निकल रहा था।
स्पष्ट नहीं है कि यीशु ऊपर की ओर जा रहा था या नीचे की ओर जा रहा था, इसलिए जाने के लिए साधारण शब्द का उपयोग करें।
यीशु यथार्थ में दाऊद का पुत्र नहीं था। अतः इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है "हे दाऊद के वंशज" (यू.डी.बी.) परन्तु "दाऊद की सन्तान" यीशु को दिया गया पदनाम है। संभव है कि वे यीशु को इसी पदनाम से पुकार रहे थे।
यह या तो यीशु का अपना घर था (यू.डी.बी.) या का घर था।
"हाँ प्रभु, हमें विश्वास है कि तू हमें चंगा कर सकता है।"
इसके साथ ही उन दोनों अंधों की चंगाई का वृत्तान्त समाप्त होता है।
यहाँ स्पष्ट नहीं है कि उसने दोनों की आंखों को एक साथ स्पर्श किया या अपने दाहिने हाथ से एक को स्पर्श किया फिर दूसरे को, क्योंकि बायां हाथ अशुद्ध काम में लिया जाता था। अतः अति संभव है कि उसने केवल दाहिना हाथ काम में लिया। यह भी स्पष्ट नहीं है कि उसने उन्हें स्पर्श करते समय कहा या पहले स्पर्श किया फिर कहा।
"परमेश्वर ने उनकी आंखें स्वस्थ कर दीं" या "वे दोनों अंधे देखने लगे"
"इसके विपरीत" उन्होंने यीशु के आदेशानुसार नहीं किया।
"बहुतों को बता दिया कि उनके साथ क्या हुआ"।
यीशु द्वारा उसके अधिवास में चंगाई का वृत्तान्त चालू है।
"देखो" शब्द हमें कहानी में एक नए व्यक्ति को प्रवेश के प्रति सतर्क करता है। अपनी भाषा में इसे व्यक्त करने का प्रावधान होगा।
जो बात नहीं कर सकता है।
"वह गूंगा व्यक्ति बोलने लगा" या "वह व्यक्ति जो गूंगा था बोलने लगा" या "वह व्यक्ति जो अब गूंगा नहीं था बोलने लगा"।
"लोग अचम्भा करने लगे"।
इसका अर्थ हो सकता है, "ऐसा कभी नहीं हुआ" या "किसी ने ऐसा कभी नहीं किया"।
"वह दुष्टात्माओं को निकलने पर विवश करता है"। यहाँ सर्वनाम "वह" यीशु के लिए है।
यह अंश गलील क्षेत्र में यीशु शिक्षा, उपदेश और चंगाई की सेवा का सारांश है।
"अनेक नगरों में"
"बड़े गाँवों और छोटे गाँवों" या "बड़े नगरों और छोटे नगरों"
"हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता", "बीमारी" और "दुर्बलता" संबन्धित शब्द है परन्तु संभव हो तो इन्हें दो अलग-अलग शब्दों में ही अनुवाद करना है। "बीमारी" मनुष्य को रोगी बनाती है। दुर्बलता शारीरिक विकार या कष्ट है जो बीमारी के परिणाम स्वरूप होती है।
"उन लोगों का कोई अगुआ न था"।
यीशु कटनी रूपक द्वारा उन्हें समझाता है कि उन्हें पिछले अंश में दर्शाए गए लोगों की आवश्यकता के प्रति कैसा व्यवहार करना है।
यह रूपक मनुष्यों की एक बहुत बड़ी संख्या को दर्शाता है, वे जो परमेश्वर में विश्वास करके उसके राज्य में प्रवेश करेंगे। ये लोग खेतों के सदृश्य हैं और जो परमेश्वर का प्रचार करते हैं वे मजदूर हैं। इस रूपक का अर्थ है कि इतने अधिक लोगों को परमेश्वर के बारे में बताने वाले बहुत कम हैं
"पक्का फल एकत्र करने के लिए"
"कर्मी"
खेत के स्वामी से विनती करो वही कर्ताधर्ता है।