Matthew 5

Matthew 5:1

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अध्याय 5-7 एक ही घटना है। यीशु एक पहाड़ पर चढ़कर अपने शिष्यों को शिक्षा देने के लिए बैठ गया।

अपना मुँह खोलकर।

"यीशु ने कहना आरंभ किया"।

उन्हें उपदेश देने लगा।

"उन्हें" अर्थात शिष्यों को।

मन के दीन।

"वे जो समझते थे कि उन्हें परमेश्वर की आवश्यकता है।"

जो लोग शोक करते हैं।

जो शोक करते थे क्योंकि (1) संसार पापी था या (2) उनके अपने पाप थे या (3) किसी की मत्यु। जब तक आपकी भाषा में शोक के कारण की आवश्यकता नहीं तब तक कारण स्पष्ट न करें।

वे शान्ति पाएंगे।

वैकल्पिक अनुवाद, "परमेश्वर उन्हें शान्ति देगा"।

Matthew 5:5

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यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

धर्म के भूखे और प्यासे।

"जितनी उन्हें भोजन-पानी की लालसा थी उतनी ही धर्मी जीवन की आवश्यकता थी।"

वे तृप्त किए जायेंगे।

"परमेश्वर उन्हें परिपूर्ण करेगा"।

जिनके मन शुद्ध हैं।

"जिन मनुष्यों के मन साफ हैं"।

वे परमेश्वर को देखेंगे।

"उन्हें परमेश्वर के साथ रहने की अनुमति दी जाएगी" या "परमेश्वर उनके साथ रहने की अनुमति देगा"।

Matthew 5:9

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यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

मेल कराने वाले।

ये वे लोग हैं जो मनुष्यों को आपस में मेल मिलाप से रहना सिखाते हैं।

परमेश्वर के पुत्र।

ये परमेश्वर की अपनी सन्तान हैं

जो सताए जाते हैं।

वैकल्पिक अनुवाद, "जिनके साथ मनुष्य अनुचित व्यवहार करता है।"

धर्म के कारण

"क्योंकि वे परमेश्वर की इच्छा पर चलते हैं।"

स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।

"परमेश्वर उन्हें स्वर्ग के राज्य में रहने देगा"। वे स्वर्ग के राज्य के स्वामी तो नहीं हैं परन्तु परमेश्वर उन्हें अपनी उपस्थिति में रहने का अधिकार देता है।

Matthew 5:11

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यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

तुम्हारे विरोध में सब प्रकार की झूठी बातें कहें।

"जो तुम्हारे बारे में सच नहीं परन्तु मेरे अनुसरण के कारण" या मुझमें विश्वास करने की अपेक्षा तुम्हारा कोई दोष नहीं है।

आनन्दित और मगन होना।

"आनन्दित और मगन" का अर्थ लगभग एक ही है। यीशु चाहता था कि उसके अनुयायी आनन्दित ही नहीं कही अधिक आनन्दित हों।

Matthew 5:13

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यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

तुम पृथ्वी के नमक हो।

"तुम पृथ्वी के निवासियों के लिए नमक के समान हो"। या जैसा नमक भोजन में वैसा ही तुम संसार में हो"। इसके अर्थ हो सकते हैं (1) ठीक वैसे ही जैसे नमक भोजन को स्वादिष्ट बनाता है, तुम्हें संसार में लोगों को प्रभावित करना है कि वे भले मनुष्य हों" या (2) जिस प्रकार नमक भोजन को परिरक्षित करता है वैसे ही तुम भी मनुष्य को भ्रष्ट होने से बचाए रखो"।

यदि नमक का स्वाद बिगड़ जाए।

इसका अर्थ है "यदि नमक की नमकीन करने की क्षमता चली जाए" (जैसा यू.डी.बी. में है) या (2) यदि नमक अपने स्वाद से वंचित हो जाए"।

वह फिर किस वस्तु से नमकीन हो सकता है?

"वह उपयोगी कैसे किया जाए"? या "उसे उपयोगी बनाने का कोई उपाय नहीं"

बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंधा जाए।

"वह एक काम का रह जाता है कि सड़क पर फेंक दिया जाए जहाँ लोग चलते हैं"।

तुम जगत की ज्योति हो।

"तुम संसार में लोगों के लिए ज्योति के समान हो"।

जो नगर पहाड़ पर बसा है वह छिप नहीं सकता।

"पहाड़ पर बसे नगर की बत्तियां रात में छिप नहीं सकती है"। या "पहाड़ पर बसे नगर की बत्तियां सब देख सकते हैं"। (देखें: और )

Matthew 5:15

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यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

नाही मनुष्य दीया जलाते।

"मनुष्य दीया नहीं जलाते।"

दीया

यह एक छोटी कटोरी है जिसमें जैतून के तेल में एक बत्ती डूबी हुई रहती है। महत्त्वपूर्ण बात तो यह है कि वह प्रकाश देता है।

टोकरी के नीचे नहीं रखते।

"दीया टोकरी के नीचे रखें" यह एक कहावत है कि प्रकाश उत्पन्न करके उसे छिपाएँ कि लोग दीये का प्रकाश नहीं देख पाएँ।

Matthew 5:17

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यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

एक मात्रा या एक बिन्दु।

"छोटे से छोटा लिखित अक्षर या अक्षर का "छोटे से छोटा अंश" या ”वे नियम जो महत्त्वहीन प्रतीत होते हैं"।

आकाश और पृथ्वी

"वह सब जो परमेश्वर ने सृजा है"।

बिना पूरा हुए नहीं टलेगा।

"व्यवस्था में जो कुछ लिखा था वह सब परमेश्वर ने कर दिया है"।

Matthew 5:19

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यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

जो कोई इन छोटी से छोटी आज्ञाओं में से किसी एक को तोड़े।

"जो एक भी आज्ञा तोड़े चाहे वह महत्त्व में सबसे कम क्यों न हो"।

सबसे छोटा कहलाएगा।

"परमेश्वर भी कहेगा कि वे सबसे कम महत्त्व के हैं।"

सबसे छोटा

"महत्त्व में सबसे कम"

उन्हें सिखाएगा।

परमेश्वर की कोई आज्ञा सिखाएगा।

महान

महत्त्वपूर्ण

तुम.... तुम्हारी... तुम्हें

ये शब्द बहुवचन हैं।

Matthew 5:21

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु लोगों के समूह से बातें कर रहा है कि उनके साथ व्यक्तिगत रूप में क्या होगा, "तुम सुन चुके हो", "मैं तुमसे कहता हूँ" ये वाक्यांश जनसमूह से कहे गए हैं अतः बहुवचन में हैं, "हत्या न करना" एक वचन है परन्तु आप इसे बहुवचन में अनुवाद कर सकते हैं।

परन्तु मैं तुमसे यह कहता हूँ।

यहाँ "मैं" पर बल दिया गया है अर्थात यीशु जो कह रहा है वह परमेश्वर की आज्ञाओं के बराबर महत्त्वपूर्ण है। अतः इस वाक्यांश को इस प्रकार अनुवाद करें कि यह बल उभर आए।

हत्या

यह शब्द हत्या करने के लिए है हत्या के हर एक रूप के लिए नहीं है।

भाई

यह शब्द सहविश्वासी के लिए है, न कि भाई या पड़ोसी के लिए है।

निकम्मा... मूर्ख

यह उन लोगों के लिए अपमान के शब्द हैं जो उचित रूप में सोच नहीं सकते "निकम्मा" शब्द निर्बुद्धि के निकट है जबकि "मूर्ख" में परमेश्वर की अवज्ञा का विचार है।

कचहरी

यह स्थानीय सभा है, न कि यरूशलेम की महासभा।

Matthew 5:23

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यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

तू

यीशु जनसमूह से कह रहा है कि व्यक्तिगत रूप से उनका क्या होगा। "तू" और "तेरा" सब शब्द एकवचन में हैं परन्तु आपकी भाषा में इन्हें बहुवचन में अनुवाद करने की आवश्यकता होगी।

अपनी भेंट वेदी पर लाएं।

"भेंट चढाएं" या "भेंट लेकर आएं"।

तू स्मरण करे

"वेदी के निकट खड़ा हो और तुझे याद आये।"

तेरे भाई के मन में तेरे लिए कुछ विरोध है।

"यदि किसी को तेरे द्वारा की गई हानि स्मरण हो"।

पहले अपने भाई से मेल मिलाप कर ले।

"अपनी भेंट चढ़ाने से पहले अपने भाई से मेल कर।"

Matthew 5:25

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से कह रहा है कि व्यक्तिगत रूप से उनका क्या होगा। "तू" और "तेरा" सब शब्द एकवचन में हैं परन्तु आपकी भाषा में इन्हें बहुवचन में अनुवाद करने की आवश्यकता होगी।

कहीं ऐसा न हो कि दोष लगानेवाला तुझे न्यायी को सौंपे।

"इसका परिणाम हो सकता है कि तेरा दोष लगानेवाला तुझे न्यायी को सौंप दे" या "क्योंकि तेरा दोष लगानेवाला तुझे पकड़वा दे"।

न्यायी को सौंपे

"तुझे न्यायालय में पेश करे"।

अधिकारी

हाकिम जिस व्यक्ति को न्यायाधीश के निर्णय लेने का अधिकार है।

वहाँ

बन्दीगृह।

Matthew 5:27

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यक्तिगत रूप में उनके साथ क्या हो सकता है। "तुम सुन चुके हो" और "मैं तुम से यह कहता हूँ", बहुवचन में हैं। "न करना" एकवचन में है परन्तु आपको इसका अनुवाद बहुवचन में करने की आवश्यकता होगी।

करना

इस शब्द का अर्थ है कार्य रूप देना या कुछ करना।

परन्तु मैं तुमसे यह कहता हूँ।

यहाँ "मैं" पर बल दिया गया है, अर्थात यीशु जो कह रहा है वह परमेश्वर की आज्ञा के बराबर है। इस वाक्यांश को अपनी भाषा में इस प्रकार अनुवाद करें कि उसमें यह बल उभर आए। जैसा में है।

जो कोई किसी स्त्री पर कुदृष्टि डाले वह अपने मन में उससे व्यभिचार कर चुका है।

इस रूपक से प्रकट होता है कि किसी स्त्री पर कुदृष्टि डालने वाला पुरूष उतना ही दोषी है जितना कि वास्तव में व्यभिचार करने वाला।

स्त्री पर कुदृष्टि डाले

मन में अन्य स्त्री का लालच करने वाला।

Matthew 5:29

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यक्तिगत रूप में उनके साथ क्या हो सकता है, "तुम" और "तू" के सब शब्द एकवचन हैं परन्तु आपकी भाषा में उनका अनुवाद बहुवचन में करने की आवश्यकता हो सकती है।

दाहिनी आँख .... दाहिना हाथ।

बाएँ हाथ या बाईं आँख की तुलना में दाहिनी आँख और हाथ अधिक महत्त्वपूर्ण है। आपको इसका अनुवाद करना होगा "दाहिना" या "सबसे अच्छा" या "एकमात्र"

यदि तेरी दाहिनी आँख तुझे ठोकर खिलाए।

"यदि तू जो देखता है, वह तुझे ठोकर खिलाए" या "यदि तू जो देखता है उसके कारण तू पाप करना चाहे"। ठोकर खाना एक रूपक है जो "पाप करने के लिए काम में लिया जाता है। यीशु यहाँ व्यंग का उपयोग कर रहा है क्योंकि मनुष्य ठोकर खाने से बचने के लिए आंखें काम में लेता है। (देखें: , /WA-Catalog/hi_tm?section=translate#figs-irony)

उसे निकालकर फेंक दे।

"उसे बलपूर्वक निकाल दे" या "उसे नष्ट कर दे" (देखें यू.डी.बी.) यदि दाहिनी आँख विशेष करके व्यक्त की जाए तो आपको अनुवाद करना होगा, "उसे निकाल दे", यदि "आँखों" शब्द काम में लिया गया है तो आपको अनुवाद करना होगा, "उन्हें निकाल दे"। (देखें यू.डी.बी.)

निकाल कर फेंक दे

"उससे छुटकारा पा ले"।

तेरे अंगों में से एक नष्ट हो जाए।

"तुझे अपनी देह का एक अंग नष्ट होने देना होगा"।

यदि तेरा दाहिना हाथ।

यह लाक्षणिक प्रयोग संपूर्ण व्यक्तित्व के कार्यों से हाथ का संबन्ध जताने के लिए हैं।

Matthew 5:31

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यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यह भी कहा गया था।

परमेश्वर ने "कहा" था (देखें यू.डी.बी.) यीशु यहाँ कर्मवाच्य वाक्य काम में ले रहा है, वह स्पष्ट करना चाहता है कि न तो परमेश्वर से और न ही परमेश्वर के वचन के से असहमत है, इसकी अपेक्षा वह कह रहा है कि तलाक का कारण उचित है तो वह मान्य है। तलाक देना अन्याय है चाहे पुरूष ने लिखित रूप दिया हो।

वह अपनी पत्नी को तलाक दे दे।

यह तलाक के लिए शिष्टोक्ति है।

उसे देने दो।

यह एक आज्ञा है, "उसे देना है"।

परन्तु मैं तुमसे यह कहता हूँ।

यदि संकेत दे रहा है कि वह "जो कहा गया है" उससे अलग कुछ कहना चाहता है। यहाँ "मैं" पर बल दिया गया है क्योंकि वह दावा करता है कि वह उससे अधिक महत्त्वपूर्ण है जिसने पहले "कहा" है।

उससे व्यभिचार करवाता है।

जो पुरूष स्त्री को अनुचित तलाक देता है, वह "उससे व्यभिचार करवाता है" (यहाँ व्यभिचार के लिए वही शब्द काम में ले जो ). में काम में लिए हैं। अनेक संस्कृतियों में उसके लिए दूसरे पुरूष से विवाह करना सामान्य बात है परन्तु यदि तलाक अनुचित है तो ऐसा पुनः विवाह व्यभिचार है। (देखें यू.डी.बी.)

Matthew 5:33

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यक्तिगत रूप से उनका क्या हो सकता है। "तुम सुन चुके हो" में "तुम" और "मैं तुम से यह कहता हूँ" में "मैं" बहुवचन हैं।

तुम सुन चुके हो।

"तुम्हारे धर्मगुरूओं ने तुमसे कहा है, पूर्वकाल के लोगों से कहा गया था, झूठी शपथ न खाना, यीशु यहाँ कर्मवाच्य वाक्य काम में ले रहा है कि स्पष्ट कर दे कि वह न तो परमेश्वर न ही परमेश्वर के वचन से असहमत है। इसकी अपेक्षा वह अपने श्रोताओं को कह रहा है कि जो उनका नहीं उसे काम में लेने के लिए मनुष्यों को अपने शब्दों पर विश्वास दिलाएं।

कहा गया

कहा गया या इसका अनुवाद वैसा ही करें जैसा में किया गया है।

शपथ

इसका अर्थ है (1) परमेश्वर और मनुष्यों से कहें कि आप वही करेंगे जो परमेश्वर चाहता है (देखें: यू.डी.बी.) या (2) मनुष्यों से कहें कि परमेश्वर जानता है कि आपने जो देखा है उसके बारे में आप जो कह रहे हैं वह सच है।

परन्तु मैं तुमसे यह कहता हूँ।

परन्तु मैं तुमसे कहता हूँ , इसका अनुवाद वैसा ही करें जैसा आपने में किया है।

कभी शपथ न खाना न तो स्वर्ग की क्योंकि वह परमेश्वर का सिंहासन है, न धरती की क्योंकि वह उसके पाँवों की चौकी है... न यरूशलेम की क्योंकि वह महाराजा का नगर है।

और भ. से लिया गया यह रूपक परमेश्वर के लिए है कि वह "महाराजा" है जिस प्रकार यीशु के श्रोता नहीं सोच सकते कि सांसारिक राजा का सुन्दर सिंहासन या उसके पाँवों की चौकी या उसके निवासनगर को उसका अपना नहीं सोच सकते कि उसके शब्दों को महत्त्वपूर्ण बनाए, अतः उन्हें स्वर्ग या पृथ्वी या यरूशलेम की शपथ खाकर अपने शब्दों को विश्वासयोग्य बनाएं।

कभी शपथ न खाना।

यदि आपकी भाषा में आज्ञा का बहुवचन है तो उसे यहाँ काम में लें। "तू झूठी शपथ न खाना" (पद 33) इससे श्रोता को शपथ खाने की अनुमति है परन्तु झूठी शपथ की नहीं। "कभी शपथ न खाना" किसी भी शपथ का विरोध करता है।

शपथ न खाना।

इसका अनुवाद वैसा करें जैसा पद 33 में किया है।

Matthew 5:36

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यक्तिगत रूप से उनके साथ क्या हो सकता है। यहाँ "तू" का उपयोग एकवचन में है परन्तु आपको इसका अनुवाद बहुवचन में करने की आवश्यकता हो सकती है, "तुम्हारी बात" में "तुम्हारी" शब्द बहुवचन है। में यीशु ने अपने श्रोताओं से कहा है कि परमेश्वर का सिंहासन, पाँवों की चौकी, उसका निवास स्थान उनका अपना नहीं कि उसकी शपथ खाएं। वह तो यहाँ तक कहता है कि हमारे सिर भी हमारे नहीं कि उनकी शपथ खाएं।

शपथ।

इसके अनुवाद में वही शब्द काम में ले जो में काम में लिया है।

तुम्हारी बात ‘हाँ’ की ‘हाँ’ या ‘नहीं’ की ‘नहीं’ हो।

"यदि तुम हाँ कहना चाहते हो तो "हाँ" कहो और यदि नहीं कहना चाहते हो तो "नहीं" कहो।

Matthew 5:38

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यक्तिगत रूप में उनका क्या हो सकता है।

तुम सुन चुके हो कि कहा गया था।

इसका अनुवाद वैसा ही करे जैसा में किया है।

तुम सुन चुके हो।

यहाँ "तुम" एकवचन में है।

आँख के बदले आँख और दाँत के बदले दाँत।

उन्हें बदला लेने की अनुमति थी परन्तु हानि की सीमा तक ही।

परन्तु मैं तुमसे यह कहता हूँ।

इसका अनुवाद वैसा ही करे जैसा में किया है।

वो जो बुरा है

"बुरा जन" या "तुम्हें हानि पहुंचाने वाला"। (यू.डी.बी.)

जो तेरे दाहिने गाल पर थप्पड़ मारे।

यह सब बहुवचन में हैं।

तेरे दाहिने गाल पर थप्पड़ मारे।

यीशु की संस्कृति में किसी को थप्पड़ मारना अपमानजनक था। जिस प्रकार आँख और हाथ उपमा दी गई है उसी प्रकार दाहिना गाल रूपक स्वरूप अधिक महत्त्वपूर्ण गाल है और उस पर थप्पड़ मारना अत्यधिक संभावित अपमान था।

थप्पड़ मारे।

क्रिया शब्द से स्पष्ट होता है कि थप्पड़ हथेली के पीछे वाले भाग से मारा गया है।

उसकी ओर दूसरा भी फेर दे।

"उसे दूसरे गाल पर भी मारने दे"।

Matthew 5:40

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यक्तिगत रूप से उनका क्या हो सकता है। "तुम" तुझ, "तेरे" आदि सब एकवचन हैं जैसे "दे" "जा" "मुँह न मोड़" परन्तु आपको इनका अनुवाद बहुवचन में करना होगा।

कुरता... दोहर

कुरता ऊपरी शरीर पर पहना जाता था जैसे शर्ट या बनियान। दोहर इन दोनों में अधिक कीमती थी जो कुर्ते के ऊपर पहना जाता था कि शरीर गर्म रहे, रात में गर्मी के लिए भी इसका उपयोग कम्बल स्वरूप किया जाता था।

ले लेने दे।

"उस मनुष्य को दे दे"।

जो कोई

जो कोई - कोई भी मनुष्य

कोस भर

कोस भर - एक हज़ार कदम, रोमी सैनिक को कानूनी अधिकार प्राप्त था कि किसी को भी अपना समान उठाकर एक कोस चलने के लिए विवश कर सकता था।

उसके साथ

वह जो किसी को समान उठाकर चलने के लिए विवश करता है ।

दो कोस चला था।

"एक मील चलने के लिए उसने तुझे विवश किया परन्तु एक मील और चला जा"।

Matthew 5:43

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना आरंभ में हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि उनके साथ क्या हो सकता है। "अपने पड़ोसी से प्रेम रखना और अपने बैरी से बैर" यह एकवचन में है परन्तु आपको इसका अनुवाद बहुवचन में करना होगा। "तुम" के सब उदाहरण तथा आज्ञाएं "प्रेम करना" "प्रार्थना करो", बहुवचन में हैं।

तुम सुन चुके हो कि कहा गया था।

इसका अनुवाद वैसा ही करे जैसा में किया है। यहाँ "पड़ोसी" शब्द का अर्थ है समुदाय के सदस्य या वह जनसमूह जिसके साथ उदारता प्रकट करने की इच्छा हो या सहायता करना आवश्यक हो। इसका संदर्भ पास में रहनेवालों से नहीं है। आपको इसका अनुवाद बहुवचन में करना होगा।

परन्तु मैं तुमसे यह कहता हूँ।

परन्तु मैं तुमसे कहता हूँ , इसका अनुवाद वैसा ही करें जैसा आपने में किया है।

तुम अपने स्वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे।

"तुम्हारा चरित्र अपने पिता का सा होगा"।

Matthew 5:46

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यक्तिगत रूप में उनके साथ क्या हो सकता है। "तुम", "तुमसे" के सब उदाहरण बहुवचन में हैं।

नमस्कार करो।

यह एक सामान्य शब्द है जो श्रोता के कल्याण की मनोकामना प्रकट करता है। इन पदों में चार प्रश्न हैं। यू.डी.बी. में दिखाया गया है कि उन्हें अभिकथन कैसे बनाया गया है।