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1 चार राजाओं का समूह था। वे शिनार का राजा अम्रापेल, एल्लासार का राजा अर्योक, एलाम का राजा कदोर्लाओमेर, गोयीम का राजा तिदाल था। 2 इन सभी राजाओं ने पाँच राजाओं के समूह पर हमला करने की तैयार की: सदोम के राजा बेरा, गमोरा के राजा बिर्शा, अदमा के राजा शिनाब, सबोयीम के राजा शेमेबेर तथा बेला, जो नगर सोअर भी कहा जाता है। 3 पाँच राजा और उनकी सेना सिद्दीम की घाटी में जिसे मृत सागर की घाटी भी कहा जाता है, चार राजाओं और उनकी सेनाओं से लड़ने के लिए इकट्ठा हुए। 4 बारह वर्षों तक राजा कदोर्लाओमेर ने उन पर शासन किया था लेकिन तेरहवें वर्ष वे सभी उसके विरुद्ध हो गए और उन्होंने कर देने से मना किया। 5 अगले वर्ष, राजा कदोर्लाओमेर और उसके साथ के अन्य राजाओं ने अपनी सेनाएँ इकट्ठी कीं और पाँच राजाओं के क्षेत्र की ओर आने लगे। उन्होंने अशतरोत-कर्नयिम में रापाइयों को, हाम में जूजियों और एमी लोगों को शाबेकिर्यातैम में पराजित किया। 6 उन्होंने होरी लोगों को सेईर के पहाड़ी प्रदेश से लेकर एल्पारान के निकट मरूभूमि में हराया था। 7 तब वे पीछे को मुडे और एन्मिशपात गये, जिसे अब कादेश कहा जाता है। उन्होंने अमालेकी लोगों और एमोरी लोगों को जो हसासोन्तामार में रहते थे उन पर विजय प्राप्त की।

8 तब सदोम, गमोरा , अदमा, सबोयीम और बेला के राजाओं की सेना सिद्दीम घाटी के चार राजाओं की सेनाओं से लड़ने के लिए बाहर निकली। 9 वे एलाम के राजा कदोर्लाओमेर की सेना, गोयीम के राजा तिदाल, शिनार के राजा अम्रापेल और एल्लासार के राजा अर्योक के विरुद्ध लड़े। चार राजाओं की सेना पाँच राजाओं की सेनाओं के विरुद्ध लड़ रही थी। 10 सिद्दिम की तराई में कोलतार के अनेक गड्ढ़े थे। तो जब सदोम और गमोरा की सेनाएँ इनके सामने से भागी तो बहुत से योद्धा उन गड़हो में गिर पड़े। अन्य सैनिक बच कर पहाड़ों पर भाग गए। 11 जब वे युद्ध क्षेत्र से भाग गए तब शत्रु की सेना ने सदोम और गमोरा की सब मूल्यवान वस्तुओं तथा खाद्य सामग्री को जब्त कर लिया । 12 उन्होंने अब्राम के भतीजे लूत को बन्दी बना लिया और उसकी संपत्ति पर भी कब्जा कर लिया क्योंकि लूत उस समय सदोम में रहता था। 13-14 उस समय अब्राम मेम्रे के बड़े वृक्षों के निकट रहता था। मेम्रे एमोरी कुल के थे। अब्राम ने मेम्रे और उसके दो भाइयों, एशकोल तथा आनेर के साथ प्रतिज्ञा की थी कि यदि युद्ध हुआ तो वे एक दूसरे की सहायता के लिए खड़े होंगे। युद्ध से बचकर आए एक व्यक्ति ने अब्राम को युद्ध का समाचार सुनाया कि शत्रु उसके भतीजे लूत को बन्दी बना कर ले गए हैं। अब्राम ने अपने 318 पुरूषों को अपने साथ लिया जो जन्म से ही उसके साथ थे और युद्ध करना जानते थे, उनको साथ लेकर अब्राम ने दान नगर तक शत्रुओं का पीछा किया। 15 रात के समय अब्राम ने अपने पुरूषों को अनेक दलों में विभाजित किया और विभिन्न दिशाओं से शत्रु की सेना पर धावा बोल दिया। और उन्हें हरा के दमिश्क के उत्तर में होबा तक उनका पीछा किया। 16 अब्राम के पुरुषों ने शत्रुओं द्वारा चुराई गई सभी चीजों को वापस ले लिया। उन्होंने लूत और उसकी सारी संपत्ति और उसकी पत्नी और अन्य लोगों को छुड़ा लिया और वापस ले आया।

17 जब अब्राम कदोर्लाओमेर और उसके साथ के राजाओं को पराजित करके घर लौट रहा था तब सदोम के राजा शाबे नाम की तराई में, जिसे वे राजा की तराई भी कहते थे, अब्राम से भेंट करने आया। 18 उसी समय शालेम का मलिकिसिदक जो परम प्रधान परमेश्वर का याजक था, अब्राम के लिए रोटी और दाखमधु लेकर आया। 19 मलिकिसिदक ने अब्राम को आशीर्वाद दिया और कहा: "अब्राम, सबसे परम प्रधान परमेश्वर, जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया, वे तुझे आशीष दें। 20 मैं उन परम प्रधान परमेश्वर की स्तुति करता हूँ क्योंकि उन्होंने तुझे इस योग्य बनाया कि तू शत्रु को पराजित कर सके।" तब अब्राम ने मलिकिसिदक को अपनी लूट का दसवां भाग अर्पित किया। 21 सदोम के राजा ने अब्राम से कहा, "जो कुछ भी छुड़ाया है सब रख ले। मात्र अपने नगर से उन लोगों को जिन्हें तूने बन्दी बनाया है, उन्हें वापस लेने दे।" 22 परन्तु अब्राम ने सदोम के राजा से कहा, "मैंने ईमानदारी से यहोवा, परम प्रधान परमेश्वर, जिन्होंने स्वर्ग और पृथ्वी को बनाया है, उनके सम्मुख यह शपथ ली है; 23 कि जो कुछ तेरा है उसमें से मैं न तो एक सूत और न जूते का बंधन, कुछ भी नहीं लूंगा जिससे तू कभी न कह सके कि, "मैंने अब्राम को धनवान बनाया है।" 24 केवल एक चीज जिसे मैं स्वीकार करूँगा वह है, भोजन जो मेरे युवकों ने खाया है। लेकिन आनेर, एशकोल और मेम्रे ने इस युद्ध में मेरा साथ दिया था, अतः लाए गए सामान का हिस्सेदार उन्हें बनने दे। "