Genesis 6

Genesis 6:1

फिर जब

यह वाक्य किसी कहानी के नये हिस्‍से की शुरूआत को दर्शाता है।

बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं

“महिलाओं ने बेटीयों को जन्म दिया।“

परमेश्‍वर के पुत्र।

यहाँ पर यह स्पष्ट नहीं है कि ये स्वर्गीय प्राणी थे या मनुष्य। जो भी हो ये परमेश्‍वर ने रचे गये थे। कुछ लोग मानते हैं कि ये शब्‍द उन स्‍वर्गदूतों के बारे में है जिन्‍होने परमेश्‍वर के विरुध बगावत की अर्थात ये दुष्ट आत्मथ या राक्षस थे। कुछ दूसरे लोग मानते हैं कि के यह शक्तिशाली राजनीतिक हाकिम थे, कुछ औरों का कहना हे कि यह शेत के वंशज है।

“मेरा आत्मा

यहाँ पर यहोवा अपने आप ओर अपनी आत्‍मा के बारे में बात कर रहा है जो परमेश्‍वर की आत्‍मा है।

शरीर

इसका मतलब है कि उनके पास शरीर है ओर जो एक दिन मर जाएगा है।

उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी।”

वे केवल 120 साल जीवित रहेंगे।

Genesis 6:4

दानव

बहुत लम्‍बे ओर बडे मनुष्य।

और इसके पश्चात्

दानव पैदा हुए, क्‍योंकि

परमेश्‍वर के पुत्र

यहाँ पर यह स्पष्ट नहीं है कि ये स्वर्गीय प्राणी थे या मनुष्य। जो भी हो ये परमेश्‍वर ने रचे गये थे। कुछ लोग मानते हैं कि ये शब्‍द उन स्‍वर्गदूतों के बारे में है जिन्‍होने परमेश्‍वर के विरुध बगावत की अर्थात ये दुष्ट आत्मथ या राक्षस थे। कुछ दूसरे लोग मानते हैं कि के यह शक्तिशाली राजनीतिक हाकिम थे, कुछ औरों का कहना हे कि यह शेत के वंशज है।

वे पुत्र शूरवीर होते थे, जिनकी कीर्ति प्राचीनकाल से प्रचलित है।

ये शूरवीर बलशाली पुरूष थे जो काफी समय पहले होते थे।

शूरवीर पुत्र

मनुष्य जो साहसी ओर युद्‍ में विजयी हो

वे पुत्र शूरवीर होते थे

प्रसिद्ध पुरूष

Genesis 6:5

जो कुछ उत्‍पन्‍न होता है

“आद्‍त“

उनके मन के विचार

लेखक दिल के विषय में ऐसे बात करता है जैसे यह शरीर का वो हिस्‍सा जो सोचता है। ”उनके भीतरी गुप्‍त विचार”

मन में अति खेदित हुआ।

लेखक दिल के विषय में ऐसे बात करता है जैसे यह शरीर का वह हिस्‍सा जो महसूस है। “ इस बारे में वह बहुत जयादा उदास था”

Genesis 6:7

“मैं मनुष्य को जिसकी मैंने सृष्टि की है पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूँगा

“मैं मानवता को मिटा दूँगा; और कोई भी लोग पृथ्वी पर नहींं बचेंगे।“

मैं मनुष्य को जिसकी मैंने सृष्टि की है पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूँगा;

“मेनै मानवजाति की सृष्टि की और अब मैं उसे मिटा दूँगा।“

मिटा दूँगा

पुरी तरह से नाश कर दूँगा।

परन्तु यहोवा के अनुग्रह की दृष्टि नूह पर बनी रही।

यहोवा नूह से खूश था, यहोवा ने नूह को दया दृष्टि से देखा

यहोवा के अनुग्रह की दृष्टि

यहाँ “दृष्टि “ नजर या विचारों को दर्शाती है। “यहोवा के विचारों में”

Genesis 6:9

सामान्‍य जानकारी

यहाँ पर नूह की कहानी शूरु हो रही है जो पाठ 9 तक जा रही है।

नूह की वंशावली यह है

“यह नूह का उल्‍लेख है।“

परमेश्‍वर ही के साथ-साथ चलता रहा

साथ चलना जज़दीकी रिश्ते का रूपक है। नूह परमेश्‍वर की संगति में रहता था।

नूह से ... तीन पुत्र उत्‍पन्‍न हुए।

नूह के तीन पुत्र थे।

शेम,हाम,येपेत

“पुत्र उस क्रम में नहीं लिखे हैं जैसे वह पैदा हुए थे।“

Genesis 6:11

पृथ्वी

धरती या वे लोग धरती पर रहते थे।

दृष्टि में बिगड़ गई.

बुराई करने वाले लोगों को ऐसा कहा गया है मानो वे भोजन हो जो सड़ चुका हो।“ पूरी तरह से बुरा था”

परमेश्‍वर की दृष्टि में

यहोवा की उपस्थिति में या यहोवा की नजरों में

और उपद्रव से भर गई थी।

“सारी पृथ्वी बुरे लोगों से भर गयी थी जो एक दूसरे के साथ बुराई करते थे”

तो क्या देखा

यहाँ ये शब्‍द हमें ध्‍यान लगाने के लिए संकेत करता है कि अनोखी जानकारी का पालन करे।

प्राणियों

सारी मनुष्य जाति।

अपना-अपना चाल-चलन बिगाड़ लिया था

सब परमेश्‍वर के रास्ते से भटक चुके थे।

Genesis 6:13

प्राणियों

सारी मानव जाति।

क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई है,

पृथ्वी के सब लोग हिंसा से भर गये थे।

इसलिए मैं उनको पृथ्वी समेत नाश कर डालूँगा।

“इसलिए मैं सारी पृथ्वी और उस पर रहने वालों का नाश कर दूँगा।“

एक जहाज

यह एक बहुत बड़े डिब्‍बे को दर्शाता है जो बहुत बुरे तूफान में भी पानी पर तैरता रहे। “एक बड़ी नौका” समुंद्री जहाज”

गोपेर वृक्ष की लकड़ी

लोगों को ठीक से पता नहीं की ये किस तरह का पेड़ था।“ ऐसी लकड़ी जिसका इसतेमाल नौका बनाने के लिए किया जाता था”

भीतर-बाहर उस पर राल लगाना।

“इसके ऊपर राल लगाना” उसे जल रोधक बनाने के लिए

राल

“यह ऐक गाड़ा, चिपकने वाला, तेल के जैसा तरल है जिसे लोग नौका के बाहर पानी को रोकने के लिऐ लगाते थे, जो लकड़ी की दरारो से नौका के अंदर जाता है।

हाथ

यह “हाथ” शब्‍द मापक को दर्शाता है। जो कि एक आधे मीटर लंबाई से थोड़ा छोटा होता है।

तीन सौ हाथ

“ तीन सो हाथ लगभग 138 मीटर होता है”

पचास हाथ,

“23 मीटर”

तीस हाथ

“14 मीटर”

Genesis 6:16

में एक खिड़की बनाना.

इस का अर्थ यह है कि यह एक जहाज के बीच की बहुत बड़ी छत थी। जिसका मकसद जहाज को बारिश के पानी से बचाना था।

हाथ

एक हाथ का मतलब इकाइयो का माप है आधे मिटर से थोड़ा कम।

पहला, दूसरा, तीसरा खण्ड बनाना।

निचला, मधय और ऊपर का खण्‍ड “अंदर तिन खण्ड“

खण्ड

स्‍तर, फरश

सुन।

सुन, कि मैं क्‍या बोल रहा हूँ;।

मैं आप पृथ्वी पर जल-प्रलय करके।

मैं पानी की बाढ़ भेजने वाला हूँ।

सब प्राणियों

यहां ''प्राणियों'' सभी शरीरों के दर्शाता है जिसमें मनुष्य और जानवर शामिल हैं।

जिनमें जीवन का श्‍वास है।

यहाँ सांस जीवन का दर्शाती है। “जो जीवित हैं”

Genesis 6:18

संग मैं वाचा बाँधता हूँ;

“मेरे और तेरे बीच एक वाचा बाँधता हूँ”

तेरे संग

नूह के संग।

जहाज में प्रवेश करना।

तुम जहाज में प्रवेश करोगे।

और सब जीवित प्राणियों में से, तू एक-एक जाति के दो-दो, अर्थात् एक नर और एक मादा जहाज में ले जाकर,

आपरो जहाज में हर तरह के दो प्राणियों को लाना पड़ेगा।

प्राणियों

प्रमेशवर के रचे जानवर।

सब प्राणी

यहां ''प्राणियों'' सभी शरीरों के दर्शाता है जिसमे मनुष्य और जानवर शामिल थे।

Genesis 6:20

एक-एक जाति

प्रत्‍येक अलग अलग नसल का।

भूमि पर रेंगनेवाले।

यह छोटे जानवरों के बारे में बताता है जो ज़मीन पर चलते हैं।

सब में से दो।

यह हर प्रकार दो पक्षी और जानवर

कि तू उनको जीवित रखे।

“इस लिए कि तू उन्‍हे जीवित रख सके।“

तेरे...अपने ...तुँ

यह वाक्य नूह को दर्शाता है। और ये एकवचन हैं।

भोजन पदार्थ जो खाया जाता है।

भोजन जो मनुष्य ओर जानवर खाते हैं।

परमेश्‍वर की इस आज्ञा के अनुसार नूह ने किया।

“नूह ने वैसे ही किया जैसा परमेश्‍वर ने उसे करने को बोला था।“