अध्याय 24

1 तव पिछु येशू मन्दिरसे निकरके जात पेती बाके चेला मन्दिरको भवन दिखानके ताहिँ बाके ठिन आए । 2 तव बा बिनसे कहि, 'तुम जा सब देखत् हौ, कि नए ? नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, 'एक पत्थरके उपर दुसरो पत्थर न रयहए, सब उजाडके फिको जएहए ।” 3 येशू जैतुन डाँगामे बैठो चेला एकघेन बाके ठिन आएके पुँछी, “हमके बता, जा बात कब हुइहए,और तुमरो आगमन और जा युगको चिन्ह का हुइहए ?” 4 तव येशू बिनके जबाफ दै, “होशियार रहिओ, कोइ तुमके न भर्माबय। 5 काहेकी बहुत जनी मिर नाउँमे मए ख्रीष्ट हौं काहत् अमंगे, और बहुतनके बहकामंगे। 6 तुम युध्द और युध्दके हल्ला सुनैगे। मतघबणैओ, काहेकी जा सब बात होनके आवशयक हए, पर अन्त त बहे समयमे न हुइहए। 7 काहेकी जातिके बिरुध्दमे जाति, और राज्यके बिरुध्दमे राज्य उठेहएँ, और ठाउँ-ठाउँमे अनिकाल और हालाचाला आबइगो। 8 पर जा सब दुखकि सुरुवात इक्ल्लो हुइहए। 9 "तव बे तुमके संकटके ताँहि सौंपदेहएँ, और तुमके मरेहएँ, और मिर नाउँके खातिर सब जाति तुमके घिणना करेहएँ। " 10 तव बहुत जनी भटक जएहँए, और ठेस खामंगे, और एक दुसरेके विश्‍वासघात करके सौंपदेहएँ और हेला करेहएँ 11 बहुत झुटे अगमवक्ता ठाणे हुइहएँ, और बहुतनके बहकएहएँ। 12 दुष्टता बढे हए और बहुतनको प्रेम सिलाएके जएहए। 13 पर आखिरीतक स्थिर रहानबारो बचाओ जएहए। 14 और राज्यको जा सुसमाचार सारा संसारमे सब जातिके ताहिँ गवाहीके ताहिँ प्रचार करो जएहए, तव पिछु अन्त अबैगो। 15 जहेमारे जब तुमके दानिएल अगमवक्तासे बोलो बिनासकरी घृणित चीज पवित्रस्थानमे ठाणो दिखेहौ{पाठ पढान बारो बुझाए}" 16 तव यहूदीयामे होनबारे पहाडघेन भाजएँ। 17 घरकेछानी ऊपर रहनबारे अपन घरमे भव समान निकारनके तरे न उत्राएँ। 18 खेतमे काम करन् बारे अपन कम्मर लेन न घुमएँ। 19 हाय ! गर्भवती और दुध खबानबारी बे दिनमे। 20 तव जाडो ( हिउँद ) समयमे और शबाथमे तुमके भाजन न पणए करके प्रार्थना करओ। 21 काहेकी बा समयमे अइसो महासंकट हुइहए, जो जगत् को सुरुसे हबए तक न भवहए, न त कबहू हुइहए। 22 बे दिन न घटनतक कोइ आदमी न बच्पईते, पर चुनेभएनके ताहिँ बे दिन घटेहँए। 23 तव तुमसे कोइ कएहएँ 'देखौ, ख्रीष्ट हिँया हए, कि हुवाँ हए' कहिके विश्‍वास मत करिओ। 24 काहेकी झुठे ख्रीष्ट, और झुठे अगमवक्ता ठाणे हुइहएं, और हुइसक्त चुने भएनके फिर भड्कानके ताहिँ बणे-बणे चिन्ह और अचम्मो काम दिखाएहएँ। 25 याद करओ, मए तुमसे अग्गुसे कहेरहो हौं। 26 "अगर बे तुमके 'देखौ, बा उजाड-स्थानमे हए' कहिके कएहएँ तव बाहिर निकरके मतजाओ। और 'देखओ, बा कोनेमे हए' कएहएँ फिर विश्‍वास मतकरिओ। " 27 काहेकी जैसी बिजुली अगारसे चमकत हए पछार तक उजियारो होतहए, उइसीय आदमीको पुत्रको आगमन हुइहए। 28 जहाँ डोगर हुइहएँ हुवाँ गिद्धा फिर इकट्ठा होतहएँ। 29 "बे संकटके दिनके पिछु, दिन अँध्यारो हुइहए, और जोन्ही अपनो चमक न देहए, और तारा बादरसे गिरंगे, और स्वर्गकी शाक्ति डगमगाबाइगी। 30 तव आदमीको पुत्रको चिन्ह बादरमे दिखए हए, और पृथ्बीके सब जाति बिलाप करेहएँ, और बे आदमीके पुत्रके आकाशको बादरमे शक्ति और बणो महिमासाथ आत देखंगे। 31 बा अपन स्वर्गदुत तुरहीको बणो आबाजके साथ पठाबैगो, और बादरको एक किनारेसे लैके दुस्रो किनारेतक जम्मएके चारौ दिशासे बाके चुने भएनके इकट्ठा करेहएँ। 32 "पर अञ्‍जीरको रुखासे एक शिक्षा लेओ: जब बाको हाँगा कलिलो होतहए और रुखामे नयाँ पत्ता आत हएँ, तव ग्रीष्म ॠतु आतहए करके तुम पता पातहौ। " 33 उइसीय, तुम फिर जब जा सब बात भव देखत् हौ, तव बा ढिगै औ फाटकमे हए करके जानओ। 34 नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, कि जा सब पुरा न होनतक जा पुस्ता खतम न हुइहए। 35 स्वर्ग और पृथ्बी खतम हुइजएहए, पर मिर वचन खतम न न हुइहए। 36 पर बा दिन और बा घडीके बारेमे कोइ न जानत् हए, न त स्वर्गके दुत, न पुत्र। 37 आदमीको पुत्रको आगमन नोआको दिन जैसो हुइहए। 38 काहेकी जैसी जलप्रलयसे अग्गु नोआ जहाज भितर घुसनके दिनतक, आदमी खात, पितरहएँ और विहाबारी करत् रहएँ, 39 और जलप्रलय आएके बिनके सबके सट्टै पुहायके न लएजानतक बे पता न पाई। आदमीको पुत्रको आगमन फिर उइसी हुइहए। 40 बा बेरा दुई जनी खेतमे हुइहएँ, एक जनी चलो जएहए, दुस्रो छुटजएहए। 41 दुई बैयर चकिया पिसत हुुईहएँ, एक चलीजएहए, दुस्री छुटजएहए। 42 "जहेमारे जगे रहओ, काहेकी कौन दिन तुमरो प्रभु आएहए, सो तुम न जानत् हौ। 43 पर जा जानौ, कि घरको मालिक चोर रातके कौन पहरमे आएहए करके जन्तो तव बा जगो रहतो, और अपन घर फोरन न दित्तो। 44 जहेमारे तुम फिर तयार रहिओ, काहेकी आदमीको पुत्र तुम नचिताएके समयमे अबैगो। 45 "विश्‍वासी और बुध्दीमान नोकर कौन हए, जौनके बाको मालिक अपन परिवारको चाकरके ठीक-ठीक समयमे खान देबाए करके खटाए होतहए ? " 46 बा नोकर धन्य हए, जौनको मालिक आत उइसी करत् पएहए। 47 नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, मालिक बाके अपनो सारा सम्पतिके उपर जिम्मेबार नियुक्त करेहए। 48 पर अगर बा दुष्ट नोकर 'मिर मालिक सुबेरे आएहए करके मनमे सोचाइगो, 49 अपनसंग काम करन् बारे नोकरके पिटन और मतवाला ( नशिले ) संग खान और पिन लागो तव, 50 बा नोकरको मालिक बा नए चिताओ दिन और न जानो समयमे आए पुगेहए। 51 और मालिक बाके कठोर दण्ड देहए और बाके ढोंगीनके बीचमे फेंकदेहए, जहाँ आदमी रुइँहए और दाँत किटकिटए हँए।”