आध्याय ४

1 अभय पवित्र आत्मा प्रष्टै कहतहए, कि पिछु आनबारे समयमे छली आत्मा और भुतप्रेतके शिक्षाघेन मन लगाएहए तव कोई अदमी विश्वाससे हटजए हँए। 2 ठगन बारे ध्यान देहँएँ। बिनकि अपनी विवेक तत्तो लोहोको चठा लागो हानि हुइजातहए। 3 बे बेहा करन मनाही करतहँए। विश्‍वास करनबारे और सत्यके जानन्बारे धन्यवादके साथ ग्रहण करनबारो परमेश्‍वरसे सिर्जो भौ भोजनसे अलग बैठन आदेश देतहँए । 4 काहेकी परमेश्वरसे सृष्टि करोभौ सबए चीज असल हए । और धन्यबाद साथ लैभइ कोई चीज फिर इन्कार ना करन पड्त् हए। 5 काहेकी बा परमेश्वरको वचन और प्रार्थनासे चोखो बान्तहए । 6 अगर तुम तुमरे भैयाके सामने बात धरदेहौ तव तुम अनुसरण करो असल सिध्दान्त और विश्वासको वचनमे तगणे हुइके तुम ख्रीष्ट येशूको अच्छे सेवक हुइहौ. 7 भक्तिहीन और अर्थहीन कहानीसे एकदम अलग बैठओ। बरु अपनएके भक्तिमे तालीम देओ। 8 काहेकी शारीरिक तालीम कुछदिनके ताहिँ ठीक होतहए, पर ईश्वरभक्तिचाहिँ हरप्रकारसे फाइदा करन बारो होतहए, काहेकी जा मे बर्तमान और भविष्यतजीवन दोनएके ताहिँ प्रतिज्ञा हए। 9 जा कहाई नेहत्व और सबए घेनसे अपनानयोग्य हए 10 काहेकी जा उदेश्यसे हम मेहेनत और अगटो काम कर्तहएँ। काहेकी हमर आशा जिन्दा परमेश्वरमे हए, जो सब आदमीके, खास करके बाके उपर विश्वास करनबारेनको मुक्तिदाता हए| 11 जे बातको बताऔ, और सिकाओ। 12 जवान हौ कहनएमे कोइ तुमके तुच्छ नामनए, पर विश्वासीनके ताँही बोलीवचन, आचरण, और प्रेममे, विश्वासमे और शुध्द्तामे तुम एक उदाहरण बनओ। 13 मए ना आन तक धर्मशास्त्र पढ्के सुनानमे, प्रचार करनमे और शिक्षा देनमे ध्यान देओ। 14 तुमरमे हए बो बरदानके खिल्ली मत उणाबौ, जौन वरदान एल्डर अपन हात तुमरे उपर धरके अगमबाणीसे तुमके दैरहए। 15 जे बातमे ध्यान करौ | बिनमे लागे रहबाओ, ताकि तुमर प्रगति सब देखए। 16 अपन बारेमे और अपन शिक्षाके बारेमे होशियारीसे ध्यान देबौ | जे बातमे लागे रह्बाओ| अइसो करनसे तुम अपनएके और सुनन् बारेके समेत बचाबैगे।