Genesis 30

Genesis 30:1

जब राहेल ने देखा कि याकूब के लिये मुझसे कोई सन्तान नहीं होती

“जब राहेल को एहसास हुआ कि वह गर्भवती बनने में असमर्थ थी“।

नहीं तो मर जाऊँगी

मैं पूरी तरह से बेकार महसूस करती हुँ।

“मुझे भी सन्तान दे

"मुझे गर्भवती कर“।

तब याकूब ने राहेल से क्रोधित होकर

“याकूब राहेल के साथ बहुत गुस्सा हुआ” वह इतना क्रोधित हुआ जैसे आग हो।

क्या मैं परमेश्‍वर हूँ? तेरी कोख तो उसी ने बन्द कर रखी है”

याकूब राहेल को डाँटने के लिए कहता है कि “मैं परमेश्‍वर नहीं हूँ! ये मैं नहीं हुँ जिसने तुझे बच्चे पैदा करने से रोक रखा है”

Genesis 30:3

उसने कहा, “

“राहेल ने कहा”।

देख

“सुनो‘

मेरी दासी बिल्हा हाजिर है………उसके द्वारा मेरा भी घर बसेगा।”

स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि उस समय, यह एक बंजर औरत के लिए एक स्वीकार्य तरीका था कि उसके बच्चे कानूनी तौर पर उसके होंगे।

बिल्हा

यह राहेल की दासी का नाम बिल्‍हा है।(29:28) मे इसका अनुवाद किया है।

मेरे घुटनों पर

यह कहने का अर्थ यह है कि बिल्‍हा जिस बच्‍चे को जन्‍म देगी,वह राहेल का होगा।“मेरे लिए”।

उसके द्वारा मेरा भी घर बसेगा।

“इस लिए वह मुझे बच्‍चा देने का कारण बनेगी”।

Genesis 30:5

बिल्हा

राहेल की दासी का नाम बिल्‍हा है।

याकूब से उसके एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ

“उसने याकूब के एक बेटे को जन्‍म दिया”।

उसने उसका नाम

“राहेल ने उसका नाम रखा”।

उसका नाम दान रखा।

“दान नाम का अर्थ “उसने न्‍याय किया”

Genesis 30:7

बिल्हा।…… फिर गर्भवती हुई

“बिल्‍हा…… दुबारा फिर से गर्भवती हो गई“।

और याकूब से एक पुत्र और उत्‍पन्‍न हुआ

“और उसने याकूब के दूसरे बेटे को जन्‍म दिया”।

मैंने अपनी बहन के साथ बड़े बल से लिपटकर मल्लयुद्ध किया।

"मुझे अपनी बड़ी बहन, लिआ जैसे बच्चों के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा है"

अब जीत गई।

“मैं सफल हुई हुँ”।

उसने उसका नाम नप्ताली रखा

“ नप्‍ताली नाम का अर्थ “मेरा संघर्ष” है।

Genesis 30:9

जब लिआ ने देखा

“जब लिआ को पता चल गया”।

अपनी दासी जिल्पा को लेकर याकूब की पत्‍नी होने के लिए दे दिया

“उसने जिल्‍पा एक दासी को पत्‍नी के रूप मे याकूब को दिया”।

जिल्‍पा

यह लिआ की दासी का नाम जिल्‍पा है।

याकूब से एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ

“याकुब के एक बेटा हुआ”।

“अहो भाग्य

"कितनी अच्छी किस्मत"।

उसका नाम गाद रखा।

” गाद नाम का अर्थ 'भाग्यशाली' है।

Genesis 30:12

जिल्पा

यह लिआ की दासी का नाम जिल्‍पा है।

याकूब से एक और पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ

“याकूब के दूसरे बेटे का जन्‍म हुआ”।

मैं धन्य हूँ!

“मैं कितनी खुश हूँ”।

स्त्रियाँ

“महिलाओं”।

इसलिए उसने उसका नाम आशेर रखा

”आशेर नाम का अर्थ “खुश” है।

Genesis 30:14

रूबेन...गया

“रूबेन वहाँ से चल गया”।

गेहूँ की कटनी के दिनों में

यहाँ वाक्यांश गेहूँ “के दिनों में“ एक मौसम है जो वर्ष के उस समय को दर्शाता है जब “गेहूं की फसल के काटी जाती है“।

दूदाफलों

यह एक फल है कि प्रजनन क्षमता और एक प्रेमी के साथ सोने की इच्छा को बढ़ाने का गुण था। कि “प्रेम फल“।

“तूने जो मेरे पति को ले लिया है क्या छोटी बात है?

क्या तुम परवाह नहीं करती…मेरा पति, यह एक आलंकारिक सवाल है “यह काफी बुरा है कि तूने मेरे पति को ले लिया है।

अब क्या तू मेरे……भी

यह एक बयानबाजी का सवाल है, राहेल ने इसे डाँटना के लिए इस्तेमाल किया। इस प्रश्न का एक वक्तव्य के रूप में अनुवाद किया जा सकता है। पर:"अब आप चाहते हैं ... भी“

तेरे संग सोएगा

"तो मैं याकूब को सोने दूँगी“।

Genesis 30:16

मैंने अपने पुत्र के दूदाफल

“मेरे बेटे के दुदाफल की कीमत के लिए“।

वह गर्भवती हुई

"वह गर्भवती हुई“।

और याकूब से उसके पाँचवाँ पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ

"और याकूब के लिऐ पांचवें बेटे को जन्म दिया"।

परमेश्‍वर ने मुझे मेरी मजदूरी दी

लिआ को पुरस्कृत करने वाला परमेश्वर इस बारे में बात करता है मानो वह एक मालिक है जो उसके लिए काम करने वाले को मजदूरी देता है। पर:"परमेश्वर ने मुझे प्रतिफल दिया है”।

इसलिए उसने उसका नाम इस्साकार रखा।

"इस्साचर नाम का अर्थ है 'एक इनाम है"

Genesis 30:19

फिर गर्भवती हुई

‘लिआ फिर से गर्भवती हो गई“।

और याकूब से उसके छठवाँ पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ।

“और याकूब के लिऐ छठे बेटे को जन्म दिया"।

उसने उसका नाम जबूलून रखा

"ज़ेबुलन नाम का अर्थ है ‘सम्मान‘“।

और उसने उसका नाम दीना रखा

यह लिआ की बेटी का नाम है।

Genesis 30:22

परमेश्‍वर ने राहेल की भी सुधि ली,* और उसकी सुनकर

वाकयांश मे “सुधि ली” का अर्थ “याद करना” है। इसका मतलब यह नहीं कि परमेश्‍वर ने राहेल को भुला दिया है, इसका मतलब यह है कि वह उसके अनुरोध पर विचार कर रहा है। कि ”परमेश्‍वटर ने राहेल पर विचार किया और उसे वह दिया जो वह चाहती थी”।

“परमेश्‍वर ने मेरी नामधराई को दूर कर दिया है

परमेश्वर ने राहेल को अब शर्मिंदा महसूस नहीं होने दिया जैसे कि "शर्म" एक ऐसा वस्तु है जिसे व्यक्ति से दूर ले जा सकते है। अमूर्त संज्ञा "शर्म" के रूप में कहा जा सकता है,कि "परमेश्‍वर ने मुझे अब शर्मिदा महसूस नहीं होने दिया”।

उसने यह कहकर उसका नाम यूसुफ रखा,

“यूसुफ नाम का अर्थ है ‘वह जोड़ सकते है“।

परमेश्‍वर मुझे एक पुत्र और भी देगा।”

राहेल के पहले बेटे उसकी दासी बिल्‍ह से थे।

Genesis 30:25

जब राहेल से यूसुफ उत्‍पन्‍न हुआ,

“बाद मे राहेल ने यूसुफ को जन्‍म दिया”।

मैं चला जाऊँ

“तो मै जा सकता हूँ”।

तू तो जानता है कि मैंने तेरी कैसी सेवा की है।”

याकूब लाबान को आपनी अनुबंध की याद दिला।

Genesis 30:27

लाबान ने उससे कहा

“लाबान ने याकूब से कहा”

यदि तेरी दृष्टि में मैंने अनुग्रह पाया है,

यदि तू मेरे साथ प्रसन्न है

अनुभव

यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ है कि किसी और के द्वारा मंजूरी दे दी है।

इंतजार,कयोंकि

“कृपया करके, कयोंकि”।

क्योंकि मैंने अनुभव से जान लिया है

‘मैने आपनी आध्‍यत्‍मिक जादुई प्रथाओं द्वारा खोजा है”।

तुझको

“कयोंकि मै तेरे को“।

मैं तुझको क्या दूँ,

इसे और अधिक स्‍पष्‍ट किया जा सकता है, “मुझे बताओ कि मैं तुमहे यहाँ रखने के लिऐ कया भुगतान करो“।

Genesis 30:29

उसने उससे कहा,

“याकूब ने लाबान से कहा”।

तेरे पशु मेरे पास किस प्रकार से रहे।

"कैसे अच्छी तरह से अपने पशुओं के बाद मैं उनकी देखभाल शुरू कर दिया है“।

मेरे आने से पहले वे कितने थे

“कि मै तुम्‍हारे लिऐ काम करता आपने झुंड छोटे थे“।

और अब कितने हो गए हैं;

“लेकिन अब आपना धन बहुत बढ़ गया है”।

मैं अपने घर का काम कब करने पाऊँगा?”

अब जब मैं अपने परिवार का ख्याल रखना होगा? याकूब एक सवाल का उपयोग करता है वह अपने परिवार के लिए उपलब्ध कराने शुरू करना चाहता है। इस प्रश्न का एक वक्तव्य के रूप में अनुवाद किया जा सकता है "अब मैं अपने परिवार का ख्याल रखना चाहते हैं!“।

Genesis 30:31

“मैं तुझे क्या दूँ

“मैं तुम्‍हे कया दे सकता हूँ”। यह स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि” यहाँ पर काम करने के लिऐ मैं तुम्‍हे कया दे सकता हूँ”।

तू मुझे कुछ न दे

यह शब्‍द “लेकिन” जोड़ने से यह पता चलता है कि यहा एक बात याकूब चाहता था ”लेकिन यह काम तुम्‍हें मेरे लिऐ करना होगा”

तो मैं फिर तेरी भेड़-बकरियों को चराऊँगा, और उनकी रक्षा करूँगा

“चारे और आपनी झुंड का ख्‍याल रखना”।

और जो भेड़ या बकरी चित्तीवाली या चितकबरी हो, और जो भेड़ काली हो, और जो बकरी चितकबरी और चित्तीवाली हो, उन्हें मैं अलग कर रखूँगा

“और हर भेड़ धब्‍बे वाली भेड़, हर काली भेड़, और हर बकरी को यहाँ से हटा दे”।

मेरी मजदूरी में वे ही ठहरेंगी।

“यह मुझे रखने की लागत होगी”।

Genesis 30:33

तब धर्म की यही साक्षी होगी

यह शब्द "धर्म" का अर्थ है “ईमानदारी“ यह अखंडता के बारे में बोलता है जैसे कि यह एक ऐसे व्यक्ति थे जो किसी अन्य व्यक्ति के लिए या उसके खिलाफ गवाही दे सकता था। “और बाद में अगर आप के साथ ईमानदार है या नहीं पता चल जाएगा"

अर्थात् बकरियों में से जो कोई न चित्तीवाली न चितकबरी हो, और भेड़ों में से जो कोई काली न हो, यदि मेरे पास निकलें, तो चोरी की ठहरेंगी

यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि “यदि आप किसी भी भेड़ को काले नहीं कर रहे हैं के बिना किसी भी बकरियों को खोजने के लिए, आप उन्हें चोरी पर विचार कर सकते है“।

तेरे कहने के अनुसार हो।”

यहाँ "शब्द“ कुछ कहा के लिए खड़ा है कि यह हो जाएगा के रूप में आप कहते हैं या "हम क्या तुमने कहा है“।

Genesis 30:35

सब धारीवाले और चितकबरे

“उनके धारियों और धब्बे थे"।

सब धारीवाले और चितकबरे

“उनके धब्‍बे थे”।

सब चित्तीवाली और चितकबरी बकरियों को,

सभी बकरीओ से है कि यह में कुछ सफेद था भी है”।

उनको और सब काली भेड़ों को भी

"और सभी काली भेड़ थी”।

अलग करके अपने पुत्रों के हाथ सौंप दिया।

यहाँ नियंत्रण या देखभाल के लिऐ हाथ खडे़ है,“उनके बेटो ने उनकी देखभाल की”।

Genesis 30:37

चिनार, और बादाम, और अर्मोन वृक्षों

यह सभी सफेद लकड़ी के पेड़ है।

उनके छिलके कहीं-कहीं छील के, उन्हें धारीदार बना दिया, ऐसी कि उन छड़ियों की सफेदी दिखाई देने लगी।

“और छाल के टुकड़ो को छील दिया ताकि उनके नीचे की सफेदी दिखने लगे”।

पानी पीने के लिये

जनवरो के लिऐ पीने का पानी रखने के लिऐ लम्‍बे समय तक कटौरे खोले गऐ।

Genesis 30:39

झुड़ के झुड़

“झुड़ के जनवरो की कलपना की”।

ड़-बकरियाँ धारीवाले, चित्तीवाले और चितकबरे बच्चे जनीं

“धारियों और धब्बे वाले बच्चों को जन्म दिया"।

याकूब ने भेड़ों के बच्चों को अलग-अलग किया,

यह स्पष्ट रुप मे कहा जा सकता है कि “कई वर्षों के बाद के दौरान, याकूब अलग-अलग किया”।

मुँह को

“आगे वाले हिस्से”।

अपने झुण्डों को उनसे अलग रखा

“उसने आपने झुंड को अलग कर दिया”।

Genesis 30:41

जिससे वे छड़ियों को देखती हुई गाभिन हो जाएँ।

ताकि झुंड उसको देख सके।

ताकि झुंड उनको देख सके।

“छड़ी के सामने”।

निर्बल भेड़-बकरियाँ

“कमजोर जानवर”

इससे निर्बल-निर्बल लाबान की रहीं, और बलवन्त-बलवन्त याकूब की हो गईं।

यहाँ आप स्‍पष्‍ट कर सकते है कि कमजोर वंश के जानवर लाबान के थे, जबकि मजबूत वंश याकूब के थे। “तो कमजोर वंश के जानवरो के धारियों या धब्बे नहीं था और इसलिए लाबान के थे, जबकि मजबूत वंश धारियों या धब्बे थे और इसलिए वह याकूब के थे“।

Genesis 30:43

वह पुरुष

“याकूब”

इस प्रकार वह पुरुष अत्यन्त धनाढ्य हो गया,

“बहुत अमीर बन गया”।