Matthew 7

Matthew 7:1

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यकितगत रूप में उनके साथ क्या हो सकता है "तुम", "तुम्हारे" और आज्ञाएं बहुवचन में है।

तुम पर भी दोष लगाया जायेगा।

तुम पर भी दोष लगाया जायेगा, इसे कर्तृवाच्य रूप में व्यक्त किया जा सकता है, "परमेश्वर तुम पर दोष लगायेगा"। (यू.डी.बी.) या "मनुष्य तुम पर दोष लगायेंगे"।

क्योंकि

इससे सुनिश्चित होता है कि पाठक को समझना है कि पद 2 पद 1 पर निर्भर है।

नाप

इसका संदर्भ (1) दण्ड के परिमाण से (देखें यू.डी.बी.) या (2)दण्ड के मानदण्ड से हो सकता है।

Matthew 7:3

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यक्तिगत रूप से उनके साथ क्या हो सकता है। "तू", "तेरी" एकवचन में हैं परन्तु आपको उनका अनुवाद बहुवचन में करना होगा।

तुम क्यों देखते हो ... कैसे कह सकता है?

यीशु उन्हें चुनौती दे रहा है कि पहले अपने ही दोष/पाप पर ध्यान दें।

तिनका .... लट्ठा

ये दोनों रूपक है जो मनुष्य के छोटे से छोटे और बड़े से बड़े दोष के लिए काम में लिए गए हैं।

भाई

यह शब्द सहविश्वासी के लिए है, न कि भाई या पड़ोसी के लिए है।

आँख

यह रूपक जीवन के लिए काम में लिया गया है।

तिनका

"तिनका" (यू.डी.बी.) या "किरच" या "धूल" सामान्यतः आँख में जो कुछ चला जाता है उसका शब्द काम में लें।

लट्ठा

पेड़ का सबसे बड़ा भाग। एक ऐसी बड़ी वस्तु जो आँख में नहीं जा सकती।

Matthew 7:6

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यक्तिगत रूप से उनके साथ क्या हो सकता है। "तुम" बहुवचन में है।

कुत्तों ..... सूअरों.... रौंदे .... पलटकर .... फाड़ डालें।

संभव है कि सूअर "रौदेगें" और कुत्ते "फाड़ डालेगे"(यू.डी.बी)

कुत्ते ..... सूअर।

इन जानवरों को अशुद्ध माना जाता था और परमेश्वर ने उन्हें खाना मना किया था। ये उन अधर्मियों के लिए रूपक है जो पवित्र वस्तुओं को मान प्रदान नहीं करते है। इन शब्दों को अनुवाद में ज्यों का त्यों रखना ही उचित होगा।

मोती

ये अनमोल नगीने हैं। ये परमेश्वर के ज्ञान (देखें यू.डी.बी.) या सामान्यतः बहुमूल्य वस्तुओं के लिए काम में लिए जाते हैं।

Matthew 7:7

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यक्तिगत रूप में उनके साथ क्या हो सकता है। "तुम" बहुवचन में है।

मांगो.... ढूँढ़ो ....खटखटाओ

ये तीन रूपक लगातार प्रार्थना करने के लिए हैं। यदि आपकी भाषा में बार-बार करने के लिए कोई शब्द है तो उसका उपयोग करें।

मांगो

परमेश्वर से विनती करना (देखें यू.डी.बी.)

ढूँढ़ो

"अपेक्षा" (यू.डी.बी.) या "खोज करो"।

खटखटाओ

खटखटाना एक नम्र निवेदन है कि घर में उपस्थित जन द्वार खोल दे। यदि खटखटाना आपकी भाषा में अभद्र शब्द है तो आपकी भाषा में द्वार खोलने के नम्र निवेदन के लिए जो शब्द है उसे काम में ले या अनुवाद करें, "परमेश्वर से कहें कि आप उससे द्वार खोलने का निवेदन करते हैं"।

या .... या

यीशु अपनी बातों को दूसरे शब्दों में कहने जा रहा है इन्हें छोड़ा जा सकता है। (यू.डी.बी.)

तुममें ऐसा कौन मनुष्य है?

इस अलंकृत प्रश्न का अभिप्राय है कि "ऐसा कोई भी नहीं है" (देखें यू.डी.बी. )

रोटी .... पत्थर .... मछली .... साँप

इनको ज्यों का त्यों रखें।

रोटी

"भोजन"

Matthew 7:11

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यक्तिगत रूप में उनके साथ क्या हो सकता है। "तुम" बहुवचन में है।

तुम चाहते हो कि मनुष्य तुम्हारे साथ करे।

"तुम अपने लिए मनुष्यों से जैसा व्यवहार चाहते हो"(यू.डी.बी.)।

Matthew 7:13

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यक्तिगत रूप में उनके साथ क्या हो सकता है। "तुम" बहुवचन में है। अनुवाद करने में "चौड़ा" और "बड़ा" के लिए उचित शब्दों का उपयोग करें जो "सकरा" के विपरीत हैं। यथासंभव इन दोनों फाटकों में गहन अन्तर को उभारें।

सकेत फाटक से प्रवेश करो।

आपके लिए इस वाक्यांश को पद 14 के अन्त में रखने की आवश्यकता हो सकती है, "इसलिए सकेत फाटक से प्रवेश करो"।

फाटक .... मार्ग

यह रूपक, अति संभव है कि उन मनुष्यों के लिए है जो "मार्ग" में चलकर "फाटक" तक पहुचते हैं और "जीवन" या "विनाश" में प्रवेश करते हैं (देखें यू.डी.बी. ))। अतः आपको संभवतः अनुवाद इस प्रकार करना होगा, "चौड़ा मार्ग वह है जो विनाश की ओर ले जाता है और चौड़ा फाटक वह है जिससे होकर मनुष्य उसमें प्रवेश करता है"। कुछ लोग "फाटक" और "मार्ग" को hendiadys मानते हैं जिसके उल्लेख की आवश्यकता नहीं है।

चौड़ा है वह फाटक और सरल है वह मार्ग .... सकेत है वह फाटक और कठिन है वह मार्ग।

यू.एल.बी. में क्रियाओं से पहले विशेषणों का उपयोग किया गया है कि विशेषणों में विरोधाभास प्रकट हो। अपनी अनुवाद की रचना इस प्रकार करें कि आपकी भाषा में विशेषणों का विरोधाभास प्रकट हो।

विनाश

यह मनुष्यों के संहार के लिए एक सामान्य शब्द है। यहाँ संदर्भ के आधार पर यह वास्तव में शारीरिक मृत्यु है। (देखें यू.डी.बी.) जो सदाकालीन मृत्यु का रूपक है। यह शारीरिक "जीवन" का विलोम है, "जीवन" अनन्त जीवन का रूपक है।

Matthew 7:15

x

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

सावधान रहो।

"बचे रहो"

उनके फलों से

यीशु भविष्यद्वक्ताओं के कार्यों की तुलना पेड़ के फलों से करता है। वैकल्पिक अनुवाद "उनके कामों से"।

क्या लोग.....तोड़ते हैं?

"मनुष्य .... से नहीं तोड़ते हैं" यीशु जिन लोगों से बातें कर रहा है वे जानते हैं कि उसके प्रश्न का उत्तर "नहीं" है।

अच्छा पेड़ .... अच्छा फल लाता है।

यीशु फल के रूपक द्वारा सच्चे भविष्यद्वक्ताओं का चित्रण करता है जो अच्छे काम और अच्छे शब्द उत्पन्न करते हैं।

निकम्मा पेड़ बुरा फल लाता है।

यीशु फल के रूपक द्वारा ही झूठे भविष्यद्वक्ताओं के कामों और शब्दों का चित्रण प्रस्तुत करता है।

Matthew 7:18

x

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता वह काटा और आग में डाला जाता है।

यीशु फल के वृक्ष की उपमा द्वारा झूठे भविष्यद्वक्ताओं का अनावरण करता है, यहाँ वह मात्र इतना ही कहता है कि निकम्मे वृक्ष का क्या होता है। यहाँ अभिप्राय अन्तर्निहित हे कि झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही होगा।

उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे।

"उनके फलों से" या तो भविष्यद्वक्ता या पेड़ों के संदर्भ में है। इस रूपक का अभिप्राय है कि पेड़ों के फल और भविष्यद्वक्ताओं के काम दोनों ही से प्रकट होता है कि वे अच्छे हैं या बुरे। यदि संभव हो तो इसका अनुवाद इस प्रकार करें कि उसका संदर्भ दोनों ही से हो।

Matthew 7:21

x

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है।

"मेरे पिता की इच्छा को पूरा करनेवाला"।

हम

इसमें यीशु नहीं है।

उस दिन

यीशु ने केवल "उस दिन" कहा क्योंकि उसके श्रोता समझते थे कि उसके कहने का अर्थ है, न्याय के दिन। आपको इस तथ्य को उजागर करना है (जैसा यू.डी.बी. में है) यदि आपके पाठक नहीं समझें कि यीशु के श्रोता समझते थे कि यीशु किस दिन की चर्चा कर रहा है।

Matthew 7:24

x

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

इसलिए

"इस कारण"

बुद्धिमान मनुष्य ने .... अपना घर चट्टान पर बनाया।

यीशु उसके वचनों पर चलने वालों की तुलना उस व्यक्ति से करता है जिसने पक्का घर बनाया। ध्यान दें कि वर्षा, आँधी और बाढ़ उस घर को ढा नहीं पाए।

चट्टान

भूमि की अपनी सतह के नीचे की ठोस पत्थरीली परत है, न कि एक चट्टान जो उभरी हुई हो।

Matthew 7:26

x

यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।

इस निर्बुद्धि मनुष्य के समान ठहरा जिसने अपना घर बालू पर बनाया।

यीशु उसी उपमा को काम में ले रहा है जो उसने में काम में ली है। वह उन लोगों की तुलना एक मूर्ख गृह निर्माता से कर रहा है जो उसके वचनों पर नहीं चलते। केवल एक मूर्ख ही बालू पर मकान खड़ा करेगा कि वर्षा, बाढ़, आंधी बालू को बहा ले जाए।

गिरकर सत्यानाश हो गया।

सामान्य उपयोग का शब्द काम में ले जो यह दर्शाता है कि मकान के गिर जाने पर क्या होता है।

सत्यानाश हो गया।

वर्षा, बाढ़ और आंधी से घर बिखर गया।

Matthew 7:28

ऐसा हुआ।

यदि आपकी भाषा में कहानी के नए मोड़ को दर्शाने का प्रवाधान है तो उसे यहाँ काम में लें। (देखें:TAlink:Discourse))