पाठ - 9

1 अब आय के सेवाव या सेवा व जो पवित्र हिरे के लिए की ननी जिगयरे की या हां हां नानी लिखोय रे आय आशवय हिरे | 2 कोयला में ननी मनय ना |दहोवारे जो कारण ननी के विषया ही मकिदुनिया के समानी घमण्ड ता खय अखया लोगला के तैयार हिये सी ओवरी उत्साह ओवरी भी नाक मंगेया पिता | 3 परन्तु नाय है भव्वाला के अय खानी भेजो हाय रे जो नानी के घमण्ड ननी के विश्वास में या दिखाव रे नानी अय बतकाब घयेरे व्यर्थ वस्तु जो हों नाय नेहा सी इंद ननी तैयार खा सीना | 4 ओवरी न हिरी यदि कोइला मकिदुनिया ना संग नानी तैयार हीरी के कोई कारण हां ननी अपमान हा ची घायेरे | 5 अय खानी में पानीके अय विनती घयुर की अवश समझोरी की ओवरी पायलो है दी ननी पास लता हिं ननी जोके विषया या पयिलो वचन बेहत रे नंग तैयार हिं ना की अय दबाव या ननी कोई परमेश्वर इस हर्ष जइबे बटीवा | 6 परन्तु बतकाब है की जो तुड काटी वरी बतायता ,ओवरी जो बहोत सारे अय जीकल ची काटो रे | 7 डर डा जने जोहो मन या ठानो सारे इन्दले खयरे कुछ के ओवरी के न दबाव या कोई परमेश्वर जिबे ही न ओवरी हर्ष जिवेवाल प्रेम खयुरे था उरे | 8 ओवरी परमेश्वर जांमाँ प्रकार ला अनुग्रह ननी बहुतायत बैह्काब रे जो बतकाब हर ठेमया जांमाँ निक्को हों आबश्यक ननी पास रहे हों डा बार ओवरी भले खय लिए आय पास भोते कुछ हिरी | 9 नयजोहो लिखो सांवरे आयला बिखोरव [हायरे नाय अय ता जो भाग फायके जारे आय कंगाल दान बयेरे आयक धर्म सदा बन्नो वारा रे होरी | 10 इसे जो बतकाब के बीच ओवरी भोजन के खानी लग्या जीवय रे ननी बीय जबेरी फलवंत करोरी |ओवरी घय के फोथो दी बाढावरे | 11 कि ननी हर बतकाब नानी दुआरा परमेश्वर केधन्यवाद घयुरे धनवान खयेरे | 12 कोइला अई पुरो खयनी केवले पवित्र लोगला के घाटियों पुरो हिरी परन्तु लोगला की परमेश्वर भोते धन्यवाद बेरीव| 13 कोइला अय सेवा के प्रणाम कातेत परमेश्वर के महिमाऊ प्रकट हिरी ननी मसीह सुसमाचार के मानव आधीन रे होए रे आयलाक ओवरी जांमाँ की सहायता खय्या हव्वा की उदारता प्रकट हिरी | 14 ओवरी वे ननी की लिए प्रार्थना करो री ओवरी पर परमेश्वर का बयाना ही अनुग्रह हों |नानिके लालसा खयेरे | 15 नानी परमेश्वर के आय के आय दान जीवेरी ओवरी वर्णन जीवेरी बाहरी धन्यवाद हिरी I